Description
किताब के बारे में: सुकुल की बीवी सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की एक प्रसिद्ध सामाजिक कहानी है जो स्त्री विमर्श और सामाजिक अन्याय के मुद्दों को उजागर करती है कहानी एक ब्राह्मण परिवार की स्त्री पर केंद्रित है जिसे समाज में निम्न दर्जा और उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है केवल इसलिए कि वह निर्धन है सुकुल की बीवी शिक्षित समझदार और संवेदनशील है परंतु समाज उसकी पहचान उसके पति की है सियत से जोड़कर ही देखता है निराला ने इस कथा के माध्यम से स्त्री की आत्मसम्मान सामाजिक स्थिति और पुरुषसत्तात्मक सोच पर तीखा व्यंग्य किया है। यह कहानी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।

