Description
किताब के बारे में: सत्यार्थप्रकाश एक गहन और परिवर्तन कारीग्रंथ है जो वैदिक सिद्धांतों की ओर लौटने को बढ़ावा देकर हिंदू धर्म को फिर से जीवंत करने का प्रयास करता है। स्वामी दयानं दसरस्वती द्वारा लिखित, यह पुस्तक वैदिक एके श्वरवाद, तर्कवाद और सामाजिक सुधार पर जोर देती है। यह मूर्ति पूजा, अंध विश्वास और जाति विभाजन की आलोचना करते हुए ज्ञान की खोज, सामाजिक समानता और निराकार सर्वोच्चईश्वर के साथ सीधे संबंध की वकालत करता है। यह पुस्तक वेदों में पाए जाने वाले शाश्वतसत्यों पर आधारित एक तर्क संगत और सुधारित हिंदू समाजका आह्वान थी, जिसने इसे आर्य समाजआंदोलन में एक महत्वपूर्ण कार्य बना दिया।