Description
किताब के बारे में: भारतीय संस्कृति की रूपरेखा में बाबू गुलाबराय ने भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों विचारधाराओं और ऐतिहासिक विकास का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है। वे बताते हैं कि भारतीय संस्कृति आध्यात्मिकता सहिष्णुता मानवता और समरसता पर आधारित है। इसमें धर्म दर्शन कलाए साहित्य और सामाजिक मूल्यों का समन्वय है। गुलाबराय भारतीय संस्कृति की विशिष्टता को वैश्विक संदर्भ में रखकर उसकी गहराई और व्यापकता को उजागर करते हैं। यह कृति न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाती है बल्कि भारतीय जीवन.दृष्टि को समझने में सहायक होती है। लेखक संस्कृति को जीवंत परंपरा और सतत विकास की प्रक्रिया मानते हैं।

