Description
किताब के बारे में: भक्ति-सर्वस्व स्वामी श्री अखण्डानंद सरस्वती द्वारा रचित एक आध्यात्मिक ग्रंथ है जो भक्ति को जीवन का परम उद्देश्य और सर्वोच्च साधन के रूप में स्थापित करता है। इसमें भक्त और भगवान के संबंध को सहज स्नेहमय और पूर्ण समर्पण से युक्त बताया गया है। ग्रंथ के अनुसार ज्ञानए योग या कर्म से भी ऊपर भक्ति है क्योंकि वह हृदय का सीधा संबंध ईश्वर से जोड़ती है। स्वामीजी ने शास्त्रों संत-वाणी और स्वयं के अनुभव के आधार पर सिद्ध किया है कि निष्काम प्रेममय भक्ति ही आत्मा का परम स्वरूप है और मोक्ष का सरलतम मार्ग भी।

