Description
बृहद् हिन्दी पत्र-पत्रिका कोश –
30 मई, 1826 में ‘उदन्तमार्तण्ड’ के साथ जन्मी हिन्दी पत्रकारिता ने अपने इतिहास के लगभग पौने दो सौ वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवधि में हज़ारों स्तरीय हिन्दी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित हुई हैं, लेकिन अधिकतर विस्मृति-विलीन हो गयी हैं।
बड़ी विचित्र निर्यात हैं पत्र-पत्रिकाओं की। कुछ ही घण्टों में सनसनी पैदा करके अख़बार चिन्तन का केन्द्र बन जाता है और दूसरे ही दिन ‘रद्दी’ मान लिया जाता है। बहुत कम पाठक इन पत्र-पत्रिकाओं को संजोकर रख पाते हैं। कुछ काल बाद उनके ध्वंसावशेष तक अलभ्य हो जाते हैं।
किन्तु जनमानस को झंकृत करने वाले इस संचार माध्यम के अभाव में हिन्दी जाति का न इतिहास बन पायेगा, न समाजशास्त्र।
इस कोश में हिन्दी की लगभग 1400 पत्र-पत्रिकाओं का विवरण है। पुस्तकालयों, अभिलेखागारों और निजी संग्रहों से संचित सर्वथा दुर्लभ विवरण! आरम्भ से लेकर 1976 तक अर्थात् डेढ़ सौ वर्षों का इतना विस्तृत ब्योरा समस्त भारतीय भाषाओं में प्रथम बार इसमें प्रस्तुत किया गया है।
यह ‘कोश’ हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की ऐसी ‘इन्साइक्लोपीडिया’ है, जिसके माध्यम से हिन्दी भाषा साहित्य की विभिन्न युग प्रवृत्तियों, विचारधाराओं, साहित्यिक विधाओं कालजयी प्रतिभाओं और पत्रकारिताकला की विभिन्न उपलब्धिओं का आकलन किया जा सकता है। वस्तुतः पुस्तकालय/सूचना विज्ञान के एक मानक सन्दर्भ ग्रन्थ तथा हिन्दी पत्रकारिता के आधार ग्रन्थ के रूप में यह ‘कोश’ स्वतः प्रमाण है अस्तु प्रयोजनीय है।



