Description
किताब के बारे में: प्रियप्रवास पं अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध द्वारा रचित एक उत्कृष्ट महाकाव्य है जो राम के वनवास को प्रेम और करुणा के भावों के माध्यम से प्रस्तुत करता है इसमें राम और सीता के बीच के भावनात्मक संबंध त्याग धर्म और कर्तव्य का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया गया है काव्य की भाषा संस्कृतनिष्ठ परंतु भावप्रधान है जो पाठक को भावविभोर कर देती है प्रियप्रवास न केवल हिंदी में छंदबद्ध कविता की परंपरा को पुनर्स्थापित करता है बल्कि इसे आधुनिकता से भी जोड़ता है यह काव्य भाव भाषा और कला का अद्वितीय संगम है

