Description
पहाड़ों पर होती भारी वर्षा और बरसते पानी के ठीक विपरीत साफ़ आकाश और पर्वतों पर तेज सूर्य के प्रकाश से उभरती छवियाँ – उपन्यास लेखन की अनेक विधाओं के साथ प्रयोग करता है। इन प्राकृतिक छवियों के भीतर रिपोर्ताज, डायरी और रेखाचित्र की विधाएँ संवाद की अद्भुत योग्यता के साथ नये आकार लेकर उभरती हैं। सशक्त महिला पात्रों की बहुमुखी विशिष्टता जो आधुनिकता और पारम्परिकता दोनों के प्रभावी मिश्रण की तस्वीर है, इस उपन्यास में उन स्वरों को यथार्थवादी धरातल पर उतारने में नयी ईमानदारी का परिचय देती है।
बदलते सामाजिक एवं आर्थिक सरोकारों के भीतर भाषा के विकसित होते मापदण्ड पात्रों के स्वरों में अभिव्यक्त हुए हैं। उत्तर-आधुनिकता की शब्दावली के स्तर पर ये प्रयोग भाषा की जटिलता के इतर उनके प्रति ईमानदारी का भाव जगाने का सार्थक प्रयास बनकर उभरे हैं।
हम कह सकते हैं कि सतत और प्रभावी कथानक से निर्मित पात्रों की मानवीय संवेदनाओं एवं जीवन के एकाकीपन की चुनौतियों का सामना करती प्रधान पात्र की यथास्थिति के प्रति जो सहज स्वीकृति का भाव अकल्पनीय है, उससे उपन्यास बेउसूल दुनिया की कमियों की पहचान करते हुए आगे बढ़ने का सशक्त सन्देश देता है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि अंग्रेज़ी भाषा से अनूदित यह उपन्यास भारतीय सन्दर्भ के भीतर रची-बसी संस्कृति को हिन्दी पाठकों तक पहुँचाने में रचनाशीलता के कई स्तरों को प्रभावित करेगा।
अपने अछूते कथ्य और विरल आस्वाद के कारण यह एक बहुमूल्य कृति है ‘जाग तुझको
दूर जाना’।




