Description
किताब के बारे में: गीता-हृदय स्वामी सहजानन्द सरस्वती की एक गहन आध्यात्मिक और दार्शनिक कृति है जिसमें उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के सार को सामाजिक और क्रांतिकारी दृष्टिकोण से व्याख्यायित किया है यह पुस्तक गीता को केवल धार्मिक ग्रंथ न मानकर उसे कर्म आत्मबल और सामाजिक न्याय का मार्गदर्शक ग्रंथ सिद्ध करती है स्वामीजी ने इसमें अर्जुन के संशयों और श्रीकृष्ण के उपदेशों को आम जन विशेषकर किसानों और श्रमिकों के संघर्षों से जोड़ा है गीता.हृदय का उद्देश्य निष्काम कर्मयोग त्याग आत्मबल और संघर्ष को मानव जीवन का आधार बनाना है यह कृति साधना और सामाजिक परिवर्तन का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है।