इस पुस्तक में फिदेल कस्त्रो से लिए गए चार साक्षात्कारों को संकलित किया गया है। यह संकलन केवल पिछली सदी के पचास सालों को बहुत ही आलोचनात्मक विश्लेषण ही नहीं प्रस्तुत करता बल्कि वैश्विक स्तर पर कम्युनिस्ट आंदोलन की असफलताओं पर भी विचार करता है। न्यायपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए हमारी आशाओं को यह विस्तारित करता है।
क्यूबाई समाजवादी क्रांति ने न केवल असाधारण क्षमता के साथ के विशेष दौर का सामान किया, बल्कि बर्लिन की दीवार के पतन के लगभग बीस वर्षों बाद भी बिना किसी विचलन के अपने क्रांति के उद्देश्यों पर कायम है और निरंतर ही उन्हें पूरा कर रही है। हमारे समय के प्रसिद्ध विचारक एजाज अहमद ने कहा है हमारे समय के किसी कम्युनिस्ट के विपरीत फिदेल हमेशा सचेत रहते हैं कि जिसे हम ‘वैज्ञानिक समाजवाद’ कहते हैं, वह तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक वह नैतिक विचारों के समूह में नहीं तब्दील हो जाता।