Description
किताब के बारे में: निरूपमा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित एक सामाजिक और यथार्थवादी उपन्यास है जो दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति पर करारा प्रहार करता है यह उपन्यास एक संवेदनशील बुद्धिमती और आत्मसम्मानी युवती निरूपमा की कहानी है जिसकी त्रासदीपूर्ण मृत्यु दहेज के बोझ और पारिवारिक दबाव का परिणाम बनती है निराला ने इस रचना के माध्यम से नारी की पीड़ा उसके सपनों और समाज की क्रूर मानसिकता को मार्मिक शैली में प्रस्तुत किया है निरूपमा केवल एक पात्र नहीं बल्कि उस युग की लाखों पीड़ित बेटियों की प्रतिनिधि है यह कृति पाठकों को झकझोर देती है और सामाजिक बदलाव की प्रेरणा देती है



