Yugdrashta-Pathsrashta | Inspirational Memoirs of Three Leaders of The Sangh Book in Hindi
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- ISBN13: 9789355624062
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature & Fiction
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की यात्रा में समाज-जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। असंख्य तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने माँ भारती को परम वैभव पर पहुँचाने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। इनकी अहर्निश राष्ट्र-साधना ने समाज में समरसता, समानता, चरित्र-निर्माण, राष्ट्रभक्ति और सत्यनिष्ठ-सरल जीवन जीने के पथ को आलोकित किया है।
संघ-संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार, द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी व तृतीय सरसंघचालक बालासाहब देवरसजी ने अपने त्यागपूर्ण, संयमित व प्रेरक जीवन से संघ के स्वयंसेवकों को 'राष्ट्र सर्वोपरि' का मूलमंत्र दिया। अपने स्वयं के सरल सौम्य जीवन से उन्होंने प्रेरित किया, जीवन की सार्थकता से परिचित करवाया और देशसेवा के लिए उद्यत किया।
यह पुस्तक इन तीन परमपूजनीय सरसंघचालकों के जीवन के ऐसे प्रसंगों का संकलन है, जो सदैव न केवल स्वयंसेवकों वरन् राष्ट्र के प्रति सरोकार रखनेवाले हर व्यक्ति को प्रेरित करेंगे, उनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव जाग्रत् करेंगे।
संघ-संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार, द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी व तृतीय सरसंघचालक बालासाहब देवरसजी ने अपने त्यागपूर्ण, संयमित व प्रेरक जीवन से संघ के स्वयंसेवकों को 'राष्ट्र सर्वोपरि' का मूलमंत्र दिया। अपने स्वयं के सरल सौम्य जीवन से उन्होंने प्रेरित किया, जीवन की सार्थकता से परिचित करवाया और देशसेवा के लिए उद्यत किया।
यह पुस्तक इन तीन परमपूजनीय सरसंघचालकों के जीवन के ऐसे प्रसंगों का संकलन है, जो सदैव न केवल स्वयंसेवकों वरन् राष्ट्र के प्रति सरोकार रखनेवाले हर व्यक्ति को प्रेरित करेंगे, उनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव जाग्रत् करेंगे।
देवराज सिंह जादौन
जन्म : नगलिया (पला सल्लू) जिला अलीगढ़ (उ.प्र.) ।
अभिरुचि : समाज-सेवा, देशाटन, अध्ययन व लेखन ।
सामाजिक जीवन : 1993 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में कार्य किया। वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के 'प्रज्ञा प्रवाह' के क्षेत्र संयोजक का दायित्व निभा रहे हैं।
अध्यापन : 3 वर्ष का अनुभव।
प्रकाशित कृतियाँ : 'कश्मीर' (विभाजन से पहले व बाद) व 'अनमोल हमारी थाती है'। 'क्षत्रिय वार्त्ता' पत्रिका में लेखों सहित देश की अन्य पत्र-पत्रिकाओं में लेख व संपादन कार्य। अनेक राज्य स्तरीय मंचों पर व विश्वविद्यालयों में भारतीय प्राचीन इतिहास, भारत की विश्व को देन तथा भारतीय ज्ञान-परंपरा पर व्याख्यान दे रहे हैं।
जन्म : नगलिया (पला सल्लू) जिला अलीगढ़ (उ.प्र.) ।
अभिरुचि : समाज-सेवा, देशाटन, अध्ययन व लेखन ।
सामाजिक जीवन : 1993 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में कार्य किया। वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के 'प्रज्ञा प्रवाह' के क्षेत्र संयोजक का दायित्व निभा रहे हैं।
अध्यापन : 3 वर्ष का अनुभव।
प्रकाशित कृतियाँ : 'कश्मीर' (विभाजन से पहले व बाद) व 'अनमोल हमारी थाती है'। 'क्षत्रिय वार्त्ता' पत्रिका में लेखों सहित देश की अन्य पत्र-पत्रिकाओं में लेख व संपादन कार्य। अनेक राज्य स्तरीय मंचों पर व विश्वविद्यालयों में भारतीय प्राचीन इतिहास, भारत की विश्व को देन तथा भारतीय ज्ञान-परंपरा पर व्याख्यान दे रहे हैं।