Who Were The Shudras? | Shoodra Kaun The? By Dr. Babasaheb Ambedkar Book In Hindi | History of The Indian Caste System
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- ISBN13: 9789355627704
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
शूद्र कौन थे ? डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा 1946 में लिखी गई पुस्तक, जो भारतीय जाति प्रणाली के सबसे निचले वर्ण शूद्रों के इतिहास पर केंद्रित है। यह पुस्तक ज्योतिराव फुले को समर्पित है और शूद्रों को भारत में एक अस्पृश्य जाति मानने की मिथ्या धारणाओं को तोड़ने का प्रयास करती है।
आंबेडकर ने वेदों और महाभारत जैसे भारतीय ग्रंथों का संदर्भ देते हुए तर्क दिया कि शूद्र वास्तव में आर्य राजा थे, जो ब्राह्मणों के साथ लंबे संघर्ष के बाद एक निम्न जाति में परिवर्तित कर दिए गए। वे आर्य नस्ल सिद्धांत की भी चर्चा करते हैं और इंडो-आर्यन प्रवासन सिद्धांत को स्वीकार नहीं करते हैं, जिसे अकसर आर्य जाति के इतिहास का अभिन्न अंग माना जाता है।
यह पुस्तक उन मिथकों और विचारधाराओं का खंडन करती है, जो शूद्रों को गलत तरीके से परिभाषित करती आई हैं और भारत में इस गलत समझी गई एवं शोषित जाति के प्रति सहिष्णुता स्थापित करने की आशा रखती है।
आंबेडकर ने वेदों और महाभारत जैसे भारतीय ग्रंथों का संदर्भ देते हुए तर्क दिया कि शूद्र वास्तव में आर्य राजा थे, जो ब्राह्मणों के साथ लंबे संघर्ष के बाद एक निम्न जाति में परिवर्तित कर दिए गए। वे आर्य नस्ल सिद्धांत की भी चर्चा करते हैं और इंडो-आर्यन प्रवासन सिद्धांत को स्वीकार नहीं करते हैं, जिसे अकसर आर्य जाति के इतिहास का अभिन्न अंग माना जाता है।
यह पुस्तक उन मिथकों और विचारधाराओं का खंडन करती है, जो शूद्रों को गलत तरीके से परिभाषित करती आई हैं और भारत में इस गलत समझी गई एवं शोषित जाति के प्रति सहिष्णुता स्थापित करने की आशा रखती है।
भीमराव रामजी आंबेडकर
उपाख्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर (14 अप्रैल, 1891) प्रसिद्ध भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज-सुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था; श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
भारतीय संविधान के शिल्पकार, आधुनिक भारतीय चिंतक, समाज-सुधारक भारतरत्न से सम्मानित बाबासाहब भीमराव आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को हुआ। डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए सामाजिक योगदान और उनकी उपलब्धियों को स्मरण करने के लिए हर वर्ष 6 दिसंबर को 'महापरिनिर्वाण दिवस' मनाया जाता है।
उपाख्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर (14 अप्रैल, 1891) प्रसिद्ध भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज-सुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था; श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
भारतीय संविधान के शिल्पकार, आधुनिक भारतीय चिंतक, समाज-सुधारक भारतरत्न से सम्मानित बाबासाहब भीमराव आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को हुआ। डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए सामाजिक योगदान और उनकी उपलब्धियों को स्मरण करने के लिए हर वर्ष 6 दिसंबर को 'महापरिनिर्वाण दिवस' मनाया जाता है।