Vishwaprasiddha Vaigyanik Mahilayen
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- ISBN13: 9789380186559
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
विश्व की प्रसिद्ध वैज्ञानिक महिलाएँ—प्रीति श्रीवास्तव
इस पुस्तक के माध्यम से वैज्ञानिक चेतना का संचार हो सके तथा आज के विज्ञान के छात्र-छात्राएँ एवं भावी वैज्ञानिक, इसमें वर्णित महिला वैज्ञानिकों की अदम्य लगन से सीख ले सकेंगे कि धनाभाव अथवा कठिनाइयाँ भी दृढ़ विश्वासी की सफलता में बाधक नहीं हो सकतीं। इस विश्वास के साथ यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले प्रत्येक भारतीय को समर्पित है। नि:संदेह सारी महिला वैज्ञानिकों को संकलित करना दुष्कर कार्य था, फिर भी आदिकाल से अब तक के समय-चक्र में से चुनिंदा महिला वैज्ञानिकों का प्रेरणादायी परिचय सम्मिलित किया गया है।
भारतीय महिला वैज्ञानिकों में डॉ. कमला सोहानी, प्रोफेसर जानकी अम्मल, डॉ. मंजू शर्मा समेत सैकड़ों महिलाएँ अनेक वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में, देश-विदेश में कार्यरत रही हैं तथा आज भी अनेक वैज्ञानिक महिलाएँ ख्याति अर्जित कर रही हैं। कर्मशील युवक-युवतियों को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देनेवाली एक व्यावहारिक पुस्तक।
इस पुस्तक के माध्यम से वैज्ञानिक चेतना का संचार हो सके तथा आज के विज्ञान के छात्र-छात्राएँ एवं भावी वैज्ञानिक, इसमें वर्णित महिला वैज्ञानिकों की अदम्य लगन से सीख ले सकेंगे कि धनाभाव अथवा कठिनाइयाँ भी दृढ़ विश्वासी की सफलता में बाधक नहीं हो सकतीं। इस विश्वास के साथ यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले प्रत्येक भारतीय को समर्पित है। नि:संदेह सारी महिला वैज्ञानिकों को संकलित करना दुष्कर कार्य था, फिर भी आदिकाल से अब तक के समय-चक्र में से चुनिंदा महिला वैज्ञानिकों का प्रेरणादायी परिचय सम्मिलित किया गया है।
भारतीय महिला वैज्ञानिकों में डॉ. कमला सोहानी, प्रोफेसर जानकी अम्मल, डॉ. मंजू शर्मा समेत सैकड़ों महिलाएँ अनेक वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में, देश-विदेश में कार्यरत रही हैं तथा आज भी अनेक वैज्ञानिक महिलाएँ ख्याति अर्जित कर रही हैं। कर्मशील युवक-युवतियों को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देनेवाली एक व्यावहारिक पुस्तक।
प्रीति श्रीवास्तव
जन्म : 21 अप्रैल, 1970 को खंडवा (म.प्र.) में।
शिक्षा : एम.एस-सी., जेनेटिक्स (भोपाल विश्वविद्यालय), बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से आनुवंशिकी में डॉक्टरेट की उपाधि।
कृतित्व : राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में शोधपत्र प्रस्तुत। दो पुस्तकें, पाँच शोधपत्र तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक विषयों पर आलेख प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन (भोपाल) पर वैज्ञानिक विषयों का प्रसारण। बायोटेक्नोलॉजी की प्रवक्ता रहीं।
पुरस्कार-सम्मान : वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सन् 1997 में ज्ञान-विज्ञान समिति, सतना (म.प्र.) द्वारा ‘समता महिला सम्मान’ से सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र-लेखन; समसामयिक वैज्ञानिक विषयों पर पुस्तकों एवं आलेखों द्वारा जनमानस में विज्ञान के प्रचार में संलग्न।
जन्म : 21 अप्रैल, 1970 को खंडवा (म.प्र.) में।
शिक्षा : एम.एस-सी., जेनेटिक्स (भोपाल विश्वविद्यालय), बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से आनुवंशिकी में डॉक्टरेट की उपाधि।
कृतित्व : राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में शोधपत्र प्रस्तुत। दो पुस्तकें, पाँच शोधपत्र तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक विषयों पर आलेख प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन (भोपाल) पर वैज्ञानिक विषयों का प्रसारण। बायोटेक्नोलॉजी की प्रवक्ता रहीं।
पुरस्कार-सम्मान : वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सन् 1997 में ज्ञान-विज्ञान समिति, सतना (म.प्र.) द्वारा ‘समता महिला सम्मान’ से सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र-लेखन; समसामयिक वैज्ञानिक विषयों पर पुस्तकों एवं आलेखों द्वारा जनमानस में विज्ञान के प्रचार में संलग्न।