Vinashparva (Hindi)
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- ISBN13: 9789355212795
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature & Fiction
यह विडंबना ही है कि स्वतंत्रता पाने के बाद जिन तथ्यों को लेखनीबद्ध करके देश की भावी पीढि़यों के लिए सहेजा जाना चाहिए था, वह कार्य आज भी अधूरा है। भारत की शिक्षा-व्यवस्था, भारत की स्वास्थ्य सेवाएँ और भारत के उद्योग, इन सबका हृस अंग्रेजी शासन में कैसे होता गया, इस पर विस्तार से कभी नहीं लिखा गया।
अंग्रेजों की क्रूरता, बर्बरता, निर्ममता और भारतीयों पर किए हुए उनके अन्याय व अत्याचार के साथ ही अंग्रेजों द्वारा भारत की लूट का तथ्यपूर्ण विवरण इस पुस्तक में संकलित हैं। साथ ही अंग्रेजों के आने के पहले भारत की स्थिति क्या थी, अंग्रेजों ने कैसे भारत की जमी-जमाई व्यवस्थाओं को छिन्न-भिन्न किया और उनके जाने के बाद भारत की स्थिति क्या रही इस पर विस्तार से प्रकाश डालनेवाली यह पुस्तक अपनी सहज-सरल प्रस्तुति तथा प्रवाहपूर्ण भाषा-शैली के चलते नई पीढ़ी को अपनी ओर अवश्य आकर्षित करेगी।
अंग्रेजों की क्रूरता, बर्बरता, निर्ममता और भारतीयों पर किए हुए उनके अन्याय व अत्याचार के साथ ही अंग्रेजों द्वारा भारत की लूट का तथ्यपूर्ण विवरण इस पुस्तक में संकलित हैं। साथ ही अंग्रेजों के आने के पहले भारत की स्थिति क्या थी, अंग्रेजों ने कैसे भारत की जमी-जमाई व्यवस्थाओं को छिन्न-भिन्न किया और उनके जाने के बाद भारत की स्थिति क्या रही इस पर विस्तार से प्रकाश डालनेवाली यह पुस्तक अपनी सहज-सरल प्रस्तुति तथा प्रवाहपूर्ण भाषा-शैली के चलते नई पीढ़ी को अपनी ओर अवश्य आकर्षित करेगी।
प्रशांत पोळ
व्यवसाय से अभियंता (इलेक्ट्रॉनिकी और दूरसंचार)। अनेक मल्टीनेशनल टेलिकॉम और आई.टी. कंपनियों के सलाहकार। लगभग 37 वर्षों का व्यावसायिक कार्य का अनुभव। 35 से अधिक देशों का प्रवास।
मेल्ट्रॉन में संशोधन विभाग प्रमुख रहे। केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय में आई.टी. टास्क फोर्स के सदस्य। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की महाविद्वत परिषद् के सदस्य। आई.आई.आई.टी., जबलपुर में गवर्निंग काउंसिल के सदस्य। बंबई विश्वविद्यालय के आई.टी. सलाहकार।
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभ लेखन। महाकौशल विश्व संवाद केंद्र के कार्याध्यक्ष।
‘वे पंद्रह दिन’ पुस्तक हिंदी, मराठी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी और तेलुगु में प्रकाशित। ‘भारतीय ज्ञान का खजाना’ पुस्तक हिंदी, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित; अनेक आवृत्तियाँ हो चुकी हैं। ‘हिंदुत्वः विभिन्न पहलू, सरलता से...!’ पुस्तक हिंदी में प्रकाशित।
व्यवसाय से अभियंता (इलेक्ट्रॉनिकी और दूरसंचार)। अनेक मल्टीनेशनल टेलिकॉम और आई.टी. कंपनियों के सलाहकार। लगभग 37 वर्षों का व्यावसायिक कार्य का अनुभव। 35 से अधिक देशों का प्रवास।
मेल्ट्रॉन में संशोधन विभाग प्रमुख रहे। केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय में आई.टी. टास्क फोर्स के सदस्य। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की महाविद्वत परिषद् के सदस्य। आई.आई.आई.टी., जबलपुर में गवर्निंग काउंसिल के सदस्य। बंबई विश्वविद्यालय के आई.टी. सलाहकार।
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभ लेखन। महाकौशल विश्व संवाद केंद्र के कार्याध्यक्ष।
‘वे पंद्रह दिन’ पुस्तक हिंदी, मराठी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी और तेलुगु में प्रकाशित। ‘भारतीय ज्ञान का खजाना’ पुस्तक हिंदी, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित; अनेक आवृत्तियाँ हो चुकी हैं। ‘हिंदुत्वः विभिन्न पहलू, सरलता से...!’ पुस्तक हिंदी में प्रकाशित।