Veetraag: A Novel Based On The Philosophy Of Life
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- ISBN13: 9789392573538
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Novel
वस्तुतः गीता एक महान् आध्यात्मिक ग्रंथ है। कृष्ण जैसा आध्यात्मिक विज्ञानी (Psychologist) न पूर्व में में कभी था, न अभी तक हुआ है। गीता अर्जुन के विषाद अर्थात् मन से प्रारंभ होती है और अध्यात्म की पराकाष्ठा पर जाकर पूर्ण होती है।
प्रस्तुत उपन्यास में एक ऐसे सांसारिक मनुष्य की कथा है, जिसका मन कामनाओं से अत्यंत ग्रसित है। इतना ही नहीं, उसकी कामना-प्रवृत्ति वासना में परिवर्तित हो चुकी है। अति कामनाओं से ग्रस्त व्यक्ति जीवन में शांति प्राप्त करने में असमर्थ रहता है। उपन्यास का पात्र शिवानंद ऐसे ही सांसारिक जीव का प्रतिनिधित्व करता है। शिवानंद शांति की खोज में आश्रम-आश्रम भटकता है, किंतु उसे कहीं शांति प्राप्त नहीं होती है।
शिवानंद के अतिरिक्त इस उपन्यास में दो और प्रमुख पात्र हैं। एक है- कृष्णभक्त विदुषी प्रियंवदा । प्रियंवदा भक्तियोग की प्रवक्ता है। तीसरा प्रमुख पात्र कर्मयोगी विराज उर्फ विरागी एक नाविक है, जो कर्मयोग का जीवंत हस्ताक्षर है। तीनों पात्रों की कहानी एक-दूसरे के साथ संयुक्त होकर साथ-साथ चलती है। कथा रूप में सांसारिक और आध्यात्मिक अभिवृत्तियों का तुलनात्मक वृत्तांत उपन्यास को रोचक बनाता है।
प्रस्तुत उपन्यास में एक ऐसे सांसारिक मनुष्य की कथा है, जिसका मन कामनाओं से अत्यंत ग्रसित है। इतना ही नहीं, उसकी कामना-प्रवृत्ति वासना में परिवर्तित हो चुकी है। अति कामनाओं से ग्रस्त व्यक्ति जीवन में शांति प्राप्त करने में असमर्थ रहता है। उपन्यास का पात्र शिवानंद ऐसे ही सांसारिक जीव का प्रतिनिधित्व करता है। शिवानंद शांति की खोज में आश्रम-आश्रम भटकता है, किंतु उसे कहीं शांति प्राप्त नहीं होती है।
शिवानंद के अतिरिक्त इस उपन्यास में दो और प्रमुख पात्र हैं। एक है- कृष्णभक्त विदुषी प्रियंवदा । प्रियंवदा भक्तियोग की प्रवक्ता है। तीसरा प्रमुख पात्र कर्मयोगी विराज उर्फ विरागी एक नाविक है, जो कर्मयोग का जीवंत हस्ताक्षर है। तीनों पात्रों की कहानी एक-दूसरे के साथ संयुक्त होकर साथ-साथ चलती है। कथा रूप में सांसारिक और आध्यात्मिक अभिवृत्तियों का तुलनात्मक वृत्तांत उपन्यास को रोचक बनाता है।
राजेंद्र त्यागी
जन्म : 1949, सरधना, जिला मेरठ (उ.प्र.)।
शिक्षा : एम.ए. (दर्शन शास्त्र), मेरठ कॉलेज, मेरठ (उ.प्र.)।
प्रकाशित पुस्तकें : महाभारत का अभियुक्त, योगक्षेम (उपन्यास); पानी उतरते चेहरे, खादी में पॉलिएस्टर, मुन्नालाल 'का लोकतंत्र, राजनीति के ब्लैक होल (व्यंग्य कहानी संग्रह); बापू कैद में (नाटक), कश्मीर और भारत-पाक संबंध (पूर्व सांसद स्व. प्रकाशवीर शास्त्रीजी के व्याख्यानों का संग्रह)।
निवास : एच.आई.जी.-10, अभयखंड-प्रथम, इंदिरापुरम्-201014 (गाजियाबाद)
मो. : 9717095225
इ-मेल : rtyagi49@gmail.com. rtyagi49@live.com
जन्म : 1949, सरधना, जिला मेरठ (उ.प्र.)।
शिक्षा : एम.ए. (दर्शन शास्त्र), मेरठ कॉलेज, मेरठ (उ.प्र.)।
प्रकाशित पुस्तकें : महाभारत का अभियुक्त, योगक्षेम (उपन्यास); पानी उतरते चेहरे, खादी में पॉलिएस्टर, मुन्नालाल 'का लोकतंत्र, राजनीति के ब्लैक होल (व्यंग्य कहानी संग्रह); बापू कैद में (नाटक), कश्मीर और भारत-पाक संबंध (पूर्व सांसद स्व. प्रकाशवीर शास्त्रीजी के व्याख्यानों का संग्रह)।
निवास : एच.आई.जी.-10, अभयखंड-प्रथम, इंदिरापुरम्-201014 (गाजियाबाद)
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