Uske Pankhon Ki Udaan
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- ISBN13: 9789352665136
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
‘‘IIT-JEE की तैयारी करना आसान नहीं है, यह अच्छे-अच्छों के छक्के छुड़ा देता है। ऐसे में बड़ा स्वाभाविक है कि आप दबाव में आ जाएँ, अपनी काबिलियत पर शक करने लगें या फिर हताश हो जाएँ। यह किताब आपको बताती है कि आप फिर से पटरी पर कैसे आ सकते हैं, कि कैसे परिवार के सदस्य, खासकर माँएँ इस दौरान अपने बच्चों के लिए मददगार हो सकती हैं। ‘उसके पंखों की उड़ान’ यह साबित करती है कि अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं तो उसे पाने के लिए दिलोजान से जुट जाइए। मुमकिन है कि छोटी-मोटी खरोंचें आप के हिस्से में आएँ, लेकिन कामयाबी आपके कदम चूमेगी, यह तय है।’’
—नीतेश तिवारी
डायरेक्टर, दंगल, IIT, बॉम्बे, 1996
‘‘जैसा कि सब जानते हैं IIT-JEE सबसे मुश्किल प्रवेश-परीक्षाओं में से एक है, टीचर्स को मालूम है कि कैसे पढ़ाना है, स्टूडेंट भी जानता है कि कैसे पढ़ना है। लेकिन माता-पिता नहीं जानते कि इस मुश्किल सफर में अपने बच्चे को कैसे सपोर्ट करना है। तैयारी के दौरान, कई बार अच्छे-अच्छे छात्र भी हिम्मत हार बैठते हैं। मेरा मानना है कि इस किताब को पढ़ने के बाद माता-पिता अपने बच्चे को सही तरीके से सपोर्ट कर पाएँगे, जिससे बच्चे हौसलामंद रहकर अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं। यह किताब अभिभावकों का नजरिया बदल देगी।’’
—प्रवीण त्यागी
डायरेक्टर, IITians’ PACE,
IIT, दिल्ली, 1997
—नीतेश तिवारी
डायरेक्टर, दंगल, IIT, बॉम्बे, 1996
‘‘जैसा कि सब जानते हैं IIT-JEE सबसे मुश्किल प्रवेश-परीक्षाओं में से एक है, टीचर्स को मालूम है कि कैसे पढ़ाना है, स्टूडेंट भी जानता है कि कैसे पढ़ना है। लेकिन माता-पिता नहीं जानते कि इस मुश्किल सफर में अपने बच्चे को कैसे सपोर्ट करना है। तैयारी के दौरान, कई बार अच्छे-अच्छे छात्र भी हिम्मत हार बैठते हैं। मेरा मानना है कि इस किताब को पढ़ने के बाद माता-पिता अपने बच्चे को सही तरीके से सपोर्ट कर पाएँगे, जिससे बच्चे हौसलामंद रहकर अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं। यह किताब अभिभावकों का नजरिया बदल देगी।’’
—प्रवीण त्यागी
डायरेक्टर, IITians’ PACE,
IIT, दिल्ली, 1997
मुंबई में रहनेवाली स्वाति लाहोटी शौकिया तौर पर लिखती हैं। इंग्लिश में एम.ए. और मार्केटिंग व एच.आर. में एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कॉपी राइटर के तौर पर और प्लेसमेंट कन्सलटेंट के रूप में काम किया है, लेकिन जो भूमिका उनके दिल के सबसे ज्यादा करीब है, वह है एक माँ की, एक माँ की हैसियत से अपने दोनों बेटों को सफलता के शिखर तक पहुँचाना। यह किताब गाथा है उनके उऋण होने की—एक शागिर्द के तौर पर, एक टीचर के तौर पर, एक माँ के रूप में, लेकिन सब से ज्यादा एक बेटी के रूप में!
‘उसके पंखों की उड़ान’ कहानी है मेरे बड़े बेटे के आई.आई.टी. पहुँचने के सफर की, यह कहानी है एक माँ की, जिसमें उतार भी है और चढ़ाव भी; आँसू भी हैं और मुसकान भी; कभी जीत का जश्न है तो कभी हार का खौफ भी। लेकिन असल में यह कहानी है एकजुट होकर लगातार की गई मेहनत की। मेहनत—जिसकी किस्मत में लिखा है सिर्फ कामयाबी को चूमना, मेहनत—जिसके सिर को जीत का सेहरा ढूँढ़ ही लेता है, मेहनत—जो किसी भी मुश्किल के आगे घुटने नहीं टेकती, मेहनत—जो खुद अपने आप में इनाम से कम नहीं है। यह कहानी है खूबसूरत टीम वर्क, की जिसमें हम चारों ने अपने-अपने रोल को बखूबी निभाया। पीछे मुड़कर देखें तो यह एक सपना लगता है, मगर यकीन मानिए, सफर भी मंजिल से कम खूबसूरत नहीं था। मुझे खुशी होगी, यदि मेरे अनुभव से आप अपने बच्चे को बेहतर सहयोग दे पाएँ! तो पढि़ए...!
‘उसके पंखों की उड़ान’ कहानी है मेरे बड़े बेटे के आई.आई.टी. पहुँचने के सफर की, यह कहानी है एक माँ की, जिसमें उतार भी है और चढ़ाव भी; आँसू भी हैं और मुसकान भी; कभी जीत का जश्न है तो कभी हार का खौफ भी। लेकिन असल में यह कहानी है एकजुट होकर लगातार की गई मेहनत की। मेहनत—जिसकी किस्मत में लिखा है सिर्फ कामयाबी को चूमना, मेहनत—जिसके सिर को जीत का सेहरा ढूँढ़ ही लेता है, मेहनत—जो किसी भी मुश्किल के आगे घुटने नहीं टेकती, मेहनत—जो खुद अपने आप में इनाम से कम नहीं है। यह कहानी है खूबसूरत टीम वर्क, की जिसमें हम चारों ने अपने-अपने रोल को बखूबी निभाया। पीछे मुड़कर देखें तो यह एक सपना लगता है, मगर यकीन मानिए, सफर भी मंजिल से कम खूबसूरत नहीं था। मुझे खुशी होगी, यदि मेरे अनुभव से आप अपने बच्चे को बेहतर सहयोग दे पाएँ! तो पढि़ए...!