Tyagveer Swatantrata Senani : Pt. Lakhanlal Mishra

Tyagveer Swatantrata Senani : Pt. Lakhanlal Mishra

by Ramesh Nayyar

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  • ISBN13: 9789352664504
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Political Science
पं.लखनलालजी मिश्र ग्रामीण पृष्ठ- भूमि से जुड़े हुए एक ऐसे पुरुष हैं, जिनकी जड़ें एक ओर तो छत्तीसगढ़ के परंपरागत मालगुजारी विरासत की परिवार परंपरा से जुड़ी हुई हैं तो दूसरी ओर पारिवारिक विवशता के होते आजीविका के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस की नौकरी से खुद जुड़ गए। यह एक अनोखी विडंबना है कि एक व्यक्ति, जिसका अतीत मालगुजारी रोब से ओत-प्रोत हो एवं जो पुलिस विभाग की नौकरी में अपना रास्ता ढूँढ़ रहा हो, वह कैसे और क्यों ब्रिटिश शासन के विरुद्ध सर्वहारा की लड़ाई लड़ने तत्कालीन स्वतंत्रता संग्राम में कूद गया, यह अपने आप में शोध व विवेचना का विषय हो सकता है और इसी बिंदु पर आकर निश्चित रूप से 15 दिसंबर, 1945 को जो सुविचारित निर्णय पंडित मिश्र ने लिया, वह देश के हजारों, लाखों लोगों के लिए जहाँ प्रकाश का स्रोत बन गया, वहीं ब्रिटिश शासन के लिए परेशानी का सबब बना। इस परिप्रेक्ष्य में यद्यपि स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेनेवाले हर बलिदानी के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन ऐसे लेग, जिनके जीवन को दिशा मिल चुकी थी तथा अपना जीवन आराम और सुनिश्चित भविष्य के साथ गुजार सकते थे, ऐसे लोगों में तत्कालीन आई.सी.एस. अधिकारी, पुलिस मजिस्ट्रेट व जेल अधिकारी सम्मिलित थे, नौकरी को तिलांजलि देकर आंदोलन में कूद पड़ना निश्चित रूप से विशेष महत्त्व रखता है और इसी शृंखला में पं. मिश्र, जो ब्रिटिश पुलिस के एक अंग थे, का सेनानी का वेश धारण करना आज भी हमें रोमांचित कर देता है।
रमेश नैयर
जन्म : 10 फरवरी, 1940 को कुंजाह (अब पाकिस्तान) में ।
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी) सागर विश्वविद्यालय, एम.ए. (भाषा विज्ञान) रविशंकर विश्वविद्यालय।
पत्रकारिता : सन् 1965 से पत्रकारिता में। ‘युगधर्म’, ‘देशबंधु’, ‘एम.पी. क्रॉनिकल’ और ‘दैनिक ट्रिब्यून’ में सहायक संपादक। ‘दैनिक लोकस्वर’, ‘संडे ऑब्जर्वर’ (हिंदी) और ‘दैनिक भास्कर’ का संपादन।
आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टी.वी. चैनलों से वार्त्ताओं, रूपकों, भेंट-वार्त्ताओं और परिचर्चाओं का प्रसारण। टी.वी. सीरियल और वृत्तचित्रों का पटकथा लेखन ।
आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी।
प्रकाशन : चार पुस्तकों का संपादन। अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद।

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