Technology Va Audhyogik Kranti 4.0 Hindi Translation of NewAge Technology And Industrial Revolution
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- ISBN13: 9789355625601
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Education
यह पुस्तक तेजी से सामने आ रही औद्योगिक क्रांति 4.0 में निहित उभरती न्यू एज टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और समाज पर इसके प्रभाव तथा वैश्विक व्यवस्था में लोक नीति पर इसके परिणामों के विषय पर लिखी गई है। पुस्तक का पहला भाग न्यू एज टेक्नोलॉजी और उसके घटकों से परिचय कराता है, जिनमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, बिग डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी, एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ऑगमेंटेड रियलिटी शामिल हैं।
पुस्तक का दूसरा भाग आर्थिक विकास, रोजगार, सामाजिकआर्थिक असमानताओं और मानव विकास पर न्यू एज टेक्नोलॉजी के संभावित प्रभावों के अलावा उभरते बैंकिंगफाइनेंस 4.0 पर चर्चा करता है। पुस्तक का तीसरा भाग संबंधित वैश्विक लोक नीति के विषय में है, जिनमें निजता, सोशल मीडिया और लोकतांत्रिक शासन, साइबर सुरक्षा, सर्विलांस और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विश्वशांति को टेक्नोलॉजी के शस्त्रीकरण से उत्पन्न खतरे शामिल हैं।
पूरी पुस्तक जहाँ वैश्विक स्थिति पर लिखी गई है, वहीं इस पुस्तक के अंतिम भाग में केस स्टडी के रूप में भारत पर एक पूरा अध्याय है।
अपनी तरह की यह संभवतः पहली पुस्तक है, जो टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था, समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे सभी विषयों को एक साथ प्रस्तुत करती है, जिसका लाभसामान्य व्यक्तियों, व्यवसायियों, उद्योगपतियों, सिविल सोसाइटी के साथ ही दुनिया भर के नीतिनिर्माताओं को मिलेगा।
पुस्तक का दूसरा भाग आर्थिक विकास, रोजगार, सामाजिकआर्थिक असमानताओं और मानव विकास पर न्यू एज टेक्नोलॉजी के संभावित प्रभावों के अलावा उभरते बैंकिंगफाइनेंस 4.0 पर चर्चा करता है। पुस्तक का तीसरा भाग संबंधित वैश्विक लोक नीति के विषय में है, जिनमें निजता, सोशल मीडिया और लोकतांत्रिक शासन, साइबर सुरक्षा, सर्विलांस और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विश्वशांति को टेक्नोलॉजी के शस्त्रीकरण से उत्पन्न खतरे शामिल हैं।
पूरी पुस्तक जहाँ वैश्विक स्थिति पर लिखी गई है, वहीं इस पुस्तक के अंतिम भाग में केस स्टडी के रूप में भारत पर एक पूरा अध्याय है।
अपनी तरह की यह संभवतः पहली पुस्तक है, जो टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था, समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे सभी विषयों को एक साथ प्रस्तुत करती है, जिसका लाभसामान्य व्यक्तियों, व्यवसायियों, उद्योगपतियों, सिविल सोसाइटी के साथ ही दुनिया भर के नीतिनिर्माताओं को मिलेगा।
डॉ. नरेंद्र जाधव 2022 तक राज्यसभा के सांसद (भारत के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) थे। डॉ. जाधव एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, प्रशासक, लेखक और विचारवंत हैं। अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पी.एचडी. करने वाले जाधव ने अनेक विशिष्ट पदों पर उत्कृष्ट कार्य किया है जिनमें योजना आयोग के सदस्य, पुणे यूनिवर्सिटी के कुलपति, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सलाहकार और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री आदि प्रमुख हैं।
डॉ. जाधव मराठी, अंग्रेजी और हिंदी में सफलतापूर्वक लेखन करते हैं। उन्होंने 47 पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है, जिनमें से 23 अंग्रेजी, 15 मराठी और 9 हिंदी भाषा में हैं। उन्हें 200 से भी अधिक शोधपत्रों और लेखों के लेखन का श्रेय जाता है, जिनके अलावा उन्होंने भारत में विभिन्न प्रकार की लोकनीतियों पर 34 आधिकारिक रिपोर्ट भी लिखी हैं। अंग्रेजी में जाधव की पारिवारिक जीवनी 'अनटचेबल्स' (साइमन एंड शुस्टर, अमेरिका) अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर है, जिसका अनुवाद फ्रेंच, स्पेनी, कोरियाई, थाई समेत 14 भाषाओं में हुआ है।
डॉ. जाधव एक प्रसिद्ध सार्वजनिक हस्ती हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 74 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें चार मानद डी.लिट्. और फ्रांस सरकार की ओर से 'कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ एकेडमिक पाम्स' की उपाधि भी शामिल है।
डॉ. जाधव मराठी, अंग्रेजी और हिंदी में सफलतापूर्वक लेखन करते हैं। उन्होंने 47 पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है, जिनमें से 23 अंग्रेजी, 15 मराठी और 9 हिंदी भाषा में हैं। उन्हें 200 से भी अधिक शोधपत्रों और लेखों के लेखन का श्रेय जाता है, जिनके अलावा उन्होंने भारत में विभिन्न प्रकार की लोकनीतियों पर 34 आधिकारिक रिपोर्ट भी लिखी हैं। अंग्रेजी में जाधव की पारिवारिक जीवनी 'अनटचेबल्स' (साइमन एंड शुस्टर, अमेरिका) अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर है, जिसका अनुवाद फ्रेंच, स्पेनी, कोरियाई, थाई समेत 14 भाषाओं में हुआ है।
डॉ. जाधव एक प्रसिद्ध सार्वजनिक हस्ती हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 74 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें चार मानद डी.लिट्. और फ्रांस सरकार की ओर से 'कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ एकेडमिक पाम्स' की उपाधि भी शामिल है।