Taqat Watan Ki Humse Hai
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- ISBN13: 9789353221119
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
क्या आप जानते हैं कि सेना एक ऐसा पेशा है, जो आपको विचित्र चीजें करने की छूट देता है, जैसे स्काई डाइविंग, रैली ड्राइविंग, पर्वतारोहण, काम पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ाने जैसा काम। आप किसी अन्य क्षेत्र में कल्पना कर सकते हैं क्या? आपको उस काम के लिए पैसा दिया जाता है, जिसे पूरा करने के लिए आप कहीं और खर्च करने के लिए तत्पर रहते हैं और संभव है कि वे अवसर जीवन में शायद कभी हाथ नहीं आते।
यह पुस्तक आपको बताएगी कि सेना के अधिकारी वास्तव में करते क्या हैं और इसके लिए 21 सैन्य अधिकारियों के जीवन की असल कहानियों के माध्यम से आपको रू-ब-रू कराया जाएगा। तथ्य यह है कि सेना के हर अधिकारी के पास दिलचस्प कहानी होती ही है बताने के लिए। लेकिन चूँकि उनको अपने काम और मिशनों के बारे में ज्यादा बात करने की छूट नहीं होती, इसलिए हम उनके तमाम साहसिक कारनामों के बारे में न सुन पाते हैं, न जान पाते हैं। ऐसा शायद पहली बार है, जबकि भारतीय फौजियों ने अपने हैरतअंगेज अनुभव साझा किए हैं।
युवाओं को उत्साहित करने की अद्भुत क्षमता रखनेवाली ये कहानियाँ उन्हें राष्ट्र-कार्य हेतु सक्रिय होने के लिए प्रेरित करेंगी।
यह पुस्तक आपको बताएगी कि सेना के अधिकारी वास्तव में करते क्या हैं और इसके लिए 21 सैन्य अधिकारियों के जीवन की असल कहानियों के माध्यम से आपको रू-ब-रू कराया जाएगा। तथ्य यह है कि सेना के हर अधिकारी के पास दिलचस्प कहानी होती ही है बताने के लिए। लेकिन चूँकि उनको अपने काम और मिशनों के बारे में ज्यादा बात करने की छूट नहीं होती, इसलिए हम उनके तमाम साहसिक कारनामों के बारे में न सुन पाते हैं, न जान पाते हैं। ऐसा शायद पहली बार है, जबकि भारतीय फौजियों ने अपने हैरतअंगेज अनुभव साझा किए हैं।
युवाओं को उत्साहित करने की अद्भुत क्षमता रखनेवाली ये कहानियाँ उन्हें राष्ट्र-कार्य हेतु सक्रिय होने के लिए प्रेरित करेंगी।
रचना बिष्ट रावत कभी ड्राइवर, कभी शेफ और अकसर एक माँ का रोल निभातीं वे एक फुल टाईम मॉम हैं, जिनका एक किशोर, स्मार्ट बेटा है—सारांश और एक शरारती, सुनहरा डॉगी है—हुजूर। अपने पति लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज रावत के लिए वे ‘सब कुछ’ हैं या ऐसा कम-से-कम वो कहते हैं। वे जब भी इन तीनों से अलग कुछ पल हासिल कर पाती हैं तो संगीत सुनती हैं और लिखती हैं।
रचना हैरी ब्रिटेन की फेलो हैं। उनकी छोटी कहानी ‘मुन्नी मौसी’ को राष्ट्रमंडल संक्षिप्त कहानी प्रतियोगिता 2008-09 में काफी सराहा गया था। वह ‘स्टेट्समैन’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ एवं ‘डेक्कन हेरॉल्ड’ में काम कर चुकी हैं और उनकी दो नॉन फिक्शन किताबें—‘द ब्रेव : परम वीर चक्र स्टोरीज’ और ‘1965 : स्टोरीज फ्रॉम द सेकंड इंडो-पाक वॉर’ प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनसे 222.rachnabisht.com और rachnabisht@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
रचना हैरी ब्रिटेन की फेलो हैं। उनकी छोटी कहानी ‘मुन्नी मौसी’ को राष्ट्रमंडल संक्षिप्त कहानी प्रतियोगिता 2008-09 में काफी सराहा गया था। वह ‘स्टेट्समैन’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ एवं ‘डेक्कन हेरॉल्ड’ में काम कर चुकी हैं और उनकी दो नॉन फिक्शन किताबें—‘द ब्रेव : परम वीर चक्र स्टोरीज’ और ‘1965 : स्टोरीज फ्रॉम द सेकंड इंडो-पाक वॉर’ प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनसे 222.rachnabisht.com और rachnabisht@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।