Tana Bana
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- ISBN13: 9788177213584
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
‘ताना-बाना’ कथा-संग्रह की सभी कहानियाँ विभिन्न विषयों की होते हुए भी नारी-प्रधान हैं। इसमें उच्च-मध्यम वर्ग की महिलाओं की भावनाओं एवं समस्याओं का वर्णन है।
‘ताना-बाना’ सरल दस्तकारी में दक्ष पढ़ी-लिखी आभिजात्य परिवार की गृहलक्ष्मी का जीवन है। ‘चन्न चणे ते पानी पीना’ एक व्यंग्यात्मक कथा है। ‘कर्मणा वाधिका रस्ते’ में मंदबुद्धि पुरुष से ब्याही एक कर्मठ स्वाभिमानी युवती की कथा है, जिसने अपने जीवन में कर्म और कर्तव्य को ही प्राथमिकता दी है। ‘शाप-मुक्त’ कहानी की नायिका एक डॉक्टर पिता की गोद की लाड़ली युवती है, जो अपने पितामह श्वसुर द्वारा उसकी असलियत ज्ञात होते ही उपेक्षित कर दी जाती है; परंतु संपूर्ण कहानी का अंत ही पढ़ने से विदित होता है कि अंततः ‘शाप-मुक्त’ कौन हुआ। ‘टिकुली’ हिंदू डॉक्टर युवती की मुसलमान सहपाठी से प्रेम-विवाह कर घर बसाने की गाथा है। परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनीं कि उसके माथे की टिकुली पर रीझनेवाला आधुनिक विचारों का उसका शौहर ‘टिकुली’ से ही चिढ़ने लगा। ‘त्रिनेत्र को चुनौती’ और ‘उतरन’ हास्य बिखेरती कहानियाँ हैं। छोटी और चुटकीपूर्ण होते हुए भी इनमें कुछ-न-कुछ उद्देश्य अवश्य ही है। ‘नैहर का नेह’ कहानी बहुत सरल, परंतु मर्मस्पर्शी है। ‘किलकारी’ अंतर्मन से निकली एक सरल, मासूम एवं प्यारी सी कहानी है।
‘ताना-बाना’ सरल दस्तकारी में दक्ष पढ़ी-लिखी आभिजात्य परिवार की गृहलक्ष्मी का जीवन है। ‘चन्न चणे ते पानी पीना’ एक व्यंग्यात्मक कथा है। ‘कर्मणा वाधिका रस्ते’ में मंदबुद्धि पुरुष से ब्याही एक कर्मठ स्वाभिमानी युवती की कथा है, जिसने अपने जीवन में कर्म और कर्तव्य को ही प्राथमिकता दी है। ‘शाप-मुक्त’ कहानी की नायिका एक डॉक्टर पिता की गोद की लाड़ली युवती है, जो अपने पितामह श्वसुर द्वारा उसकी असलियत ज्ञात होते ही उपेक्षित कर दी जाती है; परंतु संपूर्ण कहानी का अंत ही पढ़ने से विदित होता है कि अंततः ‘शाप-मुक्त’ कौन हुआ। ‘टिकुली’ हिंदू डॉक्टर युवती की मुसलमान सहपाठी से प्रेम-विवाह कर घर बसाने की गाथा है। परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनीं कि उसके माथे की टिकुली पर रीझनेवाला आधुनिक विचारों का उसका शौहर ‘टिकुली’ से ही चिढ़ने लगा। ‘त्रिनेत्र को चुनौती’ और ‘उतरन’ हास्य बिखेरती कहानियाँ हैं। छोटी और चुटकीपूर्ण होते हुए भी इनमें कुछ-न-कुछ उद्देश्य अवश्य ही है। ‘नैहर का नेह’ कहानी बहुत सरल, परंतु मर्मस्पर्शी है। ‘किलकारी’ अंतर्मन से निकली एक सरल, मासूम एवं प्यारी सी कहानी है।
शिक्षा : एम.ए. हिंदी साहित्य, प्रथम श्रेणी। सुप्रसिद्ध लेखिका शिवानी पर एम.फिल.।
कृतित्व : जयपुर रेडियो पर कहानियाँ पढ़ीं। कोलकाता पुस्तक मेला में महाश्वेता देवी द्वारा ‘अनंता’ कथा संग्रह का लोकार्पण हुआ। ‘ताना बाना’, ‘चौखट’, ‘एक और ताजमहल’ तथा सुप्रसिद्ध पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : बहरीन द्वीप में फाइन आर्ट सोसाइटी द्वारा सम्मानित। मॉरीशस द्वीप में सात वर्ष ‘मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ के माध्यम से ‘घर गृहस्थी’, ‘चयनिका’, ‘आपकी चिट्ठी मिली’ आदि अनेक कार्यक्रम टी.वी. व रेडियो पर प्रसारित कर विदेश में राष्ट्रभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाया।
कृतित्व : जयपुर रेडियो पर कहानियाँ पढ़ीं। कोलकाता पुस्तक मेला में महाश्वेता देवी द्वारा ‘अनंता’ कथा संग्रह का लोकार्पण हुआ। ‘ताना बाना’, ‘चौखट’, ‘एक और ताजमहल’ तथा सुप्रसिद्ध पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : बहरीन द्वीप में फाइन आर्ट सोसाइटी द्वारा सम्मानित। मॉरीशस द्वीप में सात वर्ष ‘मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ के माध्यम से ‘घर गृहस्थी’, ‘चयनिका’, ‘आपकी चिट्ठी मिली’ आदि अनेक कार्यक्रम टी.वी. व रेडियो पर प्रसारित कर विदेश में राष्ट्रभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाया।