Suraj Ka Satwan Ghoda

Suraj Ka Satwan Ghoda

by Dharmveer Bharti

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  • ISBN13: 9789355185808
  • Binding: Paperback
  • Subject: Sahitya
  • Publisher: Jnanpith
  • Publisher Imprint: Vani Prakashan
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: 54th
  • Item Weight: 325
सूरज का सातवाँ घोड़ा - सूरज का सातवाँ घोड़ा प्रख्यात कवि, कथाकार डॉ. धर्मवीर भारती का एक ऐसा सफल प्रयोगात्मक- उपन्यास है जिसे लाखों ने पढ़कर और इसी उपन्यास पर बनी फ़िल्म को देखकर भरपूर सराहा है। सूरज का सातवाँ घोड़ा उनके अत्यन्त लोकप्रिय उपन्यास गुनाहों का देवता से बिल्कुल अलग कथ्य, शैली और शिल्प का उपन्यास है । दरअसल इसमें हमारे निम्न मध्य वर्ग के जीवन का सही-सही चित्रण है। यह सत्य है कि वह चित्र 'प्रीतिकर या सुखद नहीं है; क्योंकि उस समाज का जीवन वैसा नहीं है और भारती ने यथाशक्य उसका सच्चा चित्र उतारना चाहा है। पर वह असुन्दर या अप्रीतिकर भी नहीं है, क्योंकि वह मृत नहीं है, न मृत्यु-पूजक ही है। उसमें दो चीजें हैं जो उसे इस ख़तरे से उबारती हैं- एक तो उसका हास्य, दूसरे एक अदम्य और निष्ठामयी आशा ।' उपन्यास की शैली अपने ढंग की अनूठी है। इस पुस्तक के माध्यम से हिन्दी में एक नयी कथाशैली का आविर्भाव हुआ। इसकी कथावस्तु कई कहानियों में गुम्फित है, किन्तु इसमें 'एक कहानी में अनेक कहानियाँ नहीं, अनेक कहानियों में एक कहानी है।' प्रस्तुत है सूरज का सातवाँ घोड़ा का नवीनतम संस्करण नयी साज-सज्जा के साथ ।

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