Stephen Hawking
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- ISBN13: 9789350482629
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
हॉकिंग का सहायक उनकी व्हीलचेयर धकेलते हुए स्टेज पर लाया। आवाज का सिंथेसाइजर लाउडस्पीकर से जोड़ा गया। व्हीलचेयर के साथ एक प्रकार का कंप्यूटर लगाया गया है। उसके माध्यम से वे स्थिर बैठे हुए व्याख्यान देने लगते हैं। व्याख्यान शुरू होने पर वे अपनी पलकें हिलाते हैं-चेहरे पर मिश्रित हास्य। दो नर्स़ें उनकी देखभाल के लिए हैं। आवश्यकता पड़ने पर वे वहाँ आकर उनकी सहायता करती हैं। प्रार्थना की जाती है कि व्याख्यान के पश्चात् श्रोतागण प्रश्न एवं जिज्ञासाएँ पूछें। व्याख्यान के दौरान उनकी लार साफ करना, बाल पीछे करना आदि काम सहायक करते रहते हैं।
व्याख्यान के दौरान कभी-कभी मजेदार प्रंग पैदा होते रहते हैं। एक बार फर्मोलैब में उनका व्याख्यान था। आमंत्रितों में एडवर्ड कोलबा नामक एक भीमकाय मजबूत आदमी भी था। हॉकिंग का व्याख्यान निचले तल के हॉल में था। वहाँ जाने के लिए लिफ्ट नहीं थी और न ही रैंप था। उसने आगे बढ़कर झट से हॉकिंग को सहज रूप से अपने दोनों हाथों पर उठाया और बिना किसी की परवाह किए उस हलके व्यक्ति को लेकर जल्दी-जल्दी चलने लगा।
एक बार व्याख्यान के लिए वे देर से पहुँचे, क्योंकि निकट के हॉल में पॉप संगीत की महफिल जम रही थी और उसमें सम्मिलित होने का मोह वे रोक न सके।
व्याख्यान के दौरान कभी-कभी मजेदार प्रंग पैदा होते रहते हैं। एक बार फर्मोलैब में उनका व्याख्यान था। आमंत्रितों में एडवर्ड कोलबा नामक एक भीमकाय मजबूत आदमी भी था। हॉकिंग का व्याख्यान निचले तल के हॉल में था। वहाँ जाने के लिए लिफ्ट नहीं थी और न ही रैंप था। उसने आगे बढ़कर झट से हॉकिंग को सहज रूप से अपने दोनों हाथों पर उठाया और बिना किसी की परवाह किए उस हलके व्यक्ति को लेकर जल्दी-जल्दी चलने लगा।
एक बार व्याख्यान के लिए वे देर से पहुँचे, क्योंकि निकट के हॉल में पॉप संगीत की महफिल जम रही थी और उसमें सम्मिलित होने का मोह वे रोक न सके।
प्रतिष्ठित लेखक श्री महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में तब आरंभ हुआ, जब वे हाई स्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से सन् 1989 में हिंदी में एम.ए. किया। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
अब तक अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनकी 3,000 से अधिक विविध विषयी रचनाएँ तथा मौलिक एवं संपादित 400 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, जिनमें प्रमुख हैं—नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा ‘यूथ अवार्ड’ तथा ‘अंतर्धारा’ समाचार व फीचर सेवा, दिल्ली द्वारा ‘लेखक रत्न’ पुरस्कार।
संप्रति : स्वतंत्र पत्रकार व लेखक।
अब तक अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनकी 3,000 से अधिक विविध विषयी रचनाएँ तथा मौलिक एवं संपादित 400 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, जिनमें प्रमुख हैं—नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा ‘यूथ अवार्ड’ तथा ‘अंतर्धारा’ समाचार व फीचर सेवा, दिल्ली द्वारा ‘लेखक रत्न’ पुरस्कार।
संप्रति : स्वतंत्र पत्रकार व लेखक।