Smritiyan 1947 : Bangal Vibhajan Ki Kahaniyan

Smritiyan 1947 : Bangal Vibhajan Ki Kahaniyan

by Tr. Kanchan Verma::Maitreyee Mandal

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  • ISBN13: 9789355623881
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): History
विभाजन पर लिखी इन कहानियों को पढ़कर स्पष्ट होता है कि लेखकगण लगातार अपनी भावनाओं को पुरजोर तरीके से अभिव्यक्त कर रहे थे और कहानियाँ इस विषय पर विभिन्न बिंदुओं और दृष्टिकोणों से लिखी जा रही थीं। इन कहानियों में विभाजनकालीन स्थितियाँ मूर्तिमान हो उठी हैं। कहानियों का मूल स्वर मानवीय करुणा है। ये कहानियाँ मानवीय मूल्यों और आहत मानवीय संवेदना से परिपूर्ण हैं। मुख्य तौर पर उन कहानियों को अनूदित कर संकलित किया है जिनमें स्त्रियों की करुणा तथा बदली हुई परिस्थितियों में मानसिक स्थिति का बड़ा ही मार्मिक उद्घाटन लेखकों द्वारा किया गया है। एक ओर जहाँ इन कहानियों में अपनी मातृभूमि से बिछुड़ने का दुःख है तो दूसरी ओर बदलती परिस्थितियों में स्त्रियों की मानसिकता का बड़ा सशक्त चित्रण हुआ है।

भारत विभाजन पर जिस प्रकार का विपुल साहित्य पंजाबी से उर्दू तथा हिंदी में अनूदित होकर आया है, वैसा बांग्ला से हिंदी में नहीं हो पाया है। बंगाल विभाजन से संबंधित हिंदी में अनूदित कहानियाँ उपलब्धता की दृष्टि से न के बराबर हैं। फुटकल रूप से पत्रपत्रिकाओं में दोचार कहानियाँ मिल जाती हैं, लेकिन कथासम्मत या चयनिका के रूप में बांग्ला विभाजन की कहानियाँ अभी तक हिंदी में उस स्तर पर प्रकाशित नहीं हुई हैं।

इसी अभाव की पूर्ति की दिशा में हमारी अनूदित पुस्तक 'स्मृतियाँ 1947 : बंगाल विभाजन की कहानियाँ' एक विनम्र प्रयास है।
कंचन वर्मा

युवा लेखिका तथा अनुवादिका। अब तक कुल अठारह अनूदित, एक संपादित तथा तीन मौलिक पुस्तकें। विश्व के कई लब्धप्रतिष्ठ कवियों, नाटककारों तथा उपन्यासकारों की रचनाओं का अंग्रेजी और हिंदी में अनुवाद। देशविदेश में आयोजित संगोष्ठियों में लगभग दो दर्जन प्रपत्र प्रस्तुति। आचार्य काका साहब कालेलकर स्मृति राष्ट्रीय प्रोत्साहन सम्मान, भारतीय अनुवाद परिषद् का गार्गी गुप्त द्विवागीश सम्मान, शब्द साधक अनुवाद सम्मान तथा शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत।

संप्रति : लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन।

संपर्क : peagasus23vk@gmail.com

मैत्रेयी मंडल

अब तक कुल दो संपादित, एक अनूदित तथा चार शोध निबंध। लगभग एक दशक से अधिक समय से मैत्रेयी अंग्रेजी में भारतीय लेखन, भारतीय शास्त्रीय साहित्य, ब्रिटिश साहित्य तथा अनुवाद जैसे पाठ्यक्रम पढ़ा रही हैं। महिला लेखन, लैंगिक अध्ययन एवं लोकप्रिय साहित्य जैसे विषयों पर शोध में इनकी विशेष रुचि है। राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में लगभग दर्जनों शोध प्रपत्र प्रस्तुत। सृजनात्मक लेखन तथा शास्त्रीय संगीत में गहरी रुचि।

संप्रति : लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन।

संपर्क : maitreyeemandal@gmail.com

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