Shuddha Jeevan Jeene ke Mantra
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- ISBN13: 9789351867852
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Health & Yoga
आध्यात्मिक मूल्यों से रहित जीवन कुछ ऐसा ही है, मानो हम कोई अनाथ बालक हों; हम स्वयं को असुरक्षित, प्रेम से रहित तथा अवांछित मान बैठते हैं। मूल्य हमारे ‘माता-पिता’ हैं। मनुष्य की आत्मा इसके द्वारा पोषित मूल्यों से सिंचित होती है। जब हम अपने मूल्यों के अनुसार जीते हैं तो इससे एक सुरक्षा व सहजता का भाव उपस्थित होता है। मूल्य हमें स्वतंत्रता और आजादी देते हैं, आत्मनिर्भर बनने की क्षमता प्रदान करते हुए बाहरी प्रभावों से मुक्त करते हैं। आत्मा के भीतर सत्य को जानने तथा सत्य के पथ का अनुसरण करने की योग्यता विकसित होती है।
मूल्य व्यक्ति के हृदय के बंद द्वार खोलकर मनुष्य की प्रकृति को रूपांतरित कर देते हैं, ताकि उसका जीवन करुणा एवं विनय से ओत-प्रोत हो जाए।
जब व्यक्ति अपने भीतर मूल्यों को विकसित कर लेता है तो अपने आसपास के संसारों में भी उन मूल्यों की महक फैला देता है, ताकि सभी एक बेहतर जगत् की ओर आगे बढ़ सकें। शुद्ध-सात्विक भाव से जनकल्याण एवं मानवहितार्थ सेवारत ब्रह्माकुमारियों के प्रेरक जीवन से उपजे ‘शुद्ध जीवन जीने के मंत्र’ जो हर पाठक के हृदय को आध्यात्मिक आनंद से समृद्ध कर देंगे।
मूल्य व्यक्ति के हृदय के बंद द्वार खोलकर मनुष्य की प्रकृति को रूपांतरित कर देते हैं, ताकि उसका जीवन करुणा एवं विनय से ओत-प्रोत हो जाए।
जब व्यक्ति अपने भीतर मूल्यों को विकसित कर लेता है तो अपने आसपास के संसारों में भी उन मूल्यों की महक फैला देता है, ताकि सभी एक बेहतर जगत् की ओर आगे बढ़ सकें। शुद्ध-सात्विक भाव से जनकल्याण एवं मानवहितार्थ सेवारत ब्रह्माकुमारियों के प्रेरक जीवन से उपजे ‘शुद्ध जीवन जीने के मंत्र’ जो हर पाठक के हृदय को आध्यात्मिक आनंद से समृद्ध कर देंगे।
ब्रह्माकुमारियों के संगठनों की शृंखला सौ से भी अधिक देशों में फैली हुई है। इनका आध्यात्मिक मुख्यालय भारत में ‘माउंट आबू’ में है। यह विश्वविद्यालय सकारात्मक बदलाव के लिए समाज के सभी स्तरों पर कार्यरत है। विश्वविद्यालय सकारात्मक चिंतन, क्रोध को वश में करना, तनाव से मुक्ति तथा आत्म-सम्मान जैसे विषयों पर कोर्स व सेमिनारों का आयोजन भी करता है, ताकि जीवन में आध्यात्मिकता को आत्मसात किया जा सके। स्वास्थ्य की देख-रेख, समाज-सेवा, शिक्षा तथा अन्य सामुदायिक स्थानों पर भी यही आध्यात्मिक पहल अपनाई जाती है। सभी पृष्ठभूमियों से आए व्यक्तियों को विविध प्रकार के शिक्षण अवसर प्रदान करता है, ताकि उन्हें अपनी अंतर्जात विशेषताओं को जानने तथा अपने जीवन को उन योग्यताओं के साथ बेहतर बनाने में मदद मिल सके।