Shrimadbhagwadgita Prashnottari
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- ISBN13: 9788197007118
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
प्रस्तुत पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता प्रश्नोत्तरी' में लेखक द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के अठारह अध्यायों से 300 महत्त्वपूर्ण व वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का चयन किया गया है। प्रश्नों की प्रकृति अत्यंत सरल है। एक सामान्य जन के साथ-साथ एक छोटी कक्षा का बालक भी इन प्रश्नों को आसानी से समझकर कंठस्थ कर सकता है। इसके साथ-साथ विद्यार्थीगण श्रीमद्भगवद्गीता से संबंधित आध्यात्मिक प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इस पुस्तक का अध्ययन कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। पाठक की सुविधा के लिए हर अध्याय के सभी प्रश्नों से संबंधित उत्तर इस पुस्तक के अंत में दिए गए हैं।
इसके साथ-साथ लेखक द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता पर अनेक विद्वानों द्वारा लिखी महत्त्वपूर्ण टीकाओं की सूची भी पुस्तक में दी गई है। यदि कोई जिज्ञासु विद्यार्थी या सामान्यजन गीता के मर्म को अत्यंत सूक्ष्मता से जानने का इच्छुक है तो वह इन टीकाओं का अध्ययन कर अपने भौतिक व आध्यात्मिक जीवन को सफल बना सकता है। हमें विश्वास है कि यह पुस्तक निश्चित रूप से अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
'श्रीमद्भगवद्गीता प्रश्नोत्तरी' के लेखन का एकमात्र लक्ष्य देश व प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा प्रथम से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान से परिचित करवाना है।
इसके साथ-साथ लेखक द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता पर अनेक विद्वानों द्वारा लिखी महत्त्वपूर्ण टीकाओं की सूची भी पुस्तक में दी गई है। यदि कोई जिज्ञासु विद्यार्थी या सामान्यजन गीता के मर्म को अत्यंत सूक्ष्मता से जानने का इच्छुक है तो वह इन टीकाओं का अध्ययन कर अपने भौतिक व आध्यात्मिक जीवन को सफल बना सकता है। हमें विश्वास है कि यह पुस्तक निश्चित रूप से अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
'श्रीमद्भगवद्गीता प्रश्नोत्तरी' के लेखन का एकमात्र लक्ष्य देश व प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा प्रथम से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान से परिचित करवाना है।
13 अगस्त, 1991 को गाँव हरिगढ़ किंगन, जिला कैथल (हरियाणा) में जनमे डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी उच्चतम शिक्षा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान से प्राप्त की। पत्रकारिता व जनसंचार विषय में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एम.फिल. व पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की हैं। वर्तमान में हरियाणा के कैथल जिले के प्रतिष्ठित आर.के.एस.डी. कॉलेज में पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय के सहायक प्राध्यापक के पद पर सेवारत हैं।
उनकी श्रीमद्भगवद्गीता में गहरी रुचि है व इसके ज्ञान के प्रचार-प्रसार में विनम्रता से समर्पित हैं। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के विषयों को लेकर अनेक शोध पत्रिकाओं में उनके शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं। श्रीमद्भगवद्गीता को लेकर होने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी अपने शोधपत्रों को प्रदर्शित किया है।
उनकी श्रीमद्भगवद्गीता में गहरी रुचि है व इसके ज्ञान के प्रचार-प्रसार में विनम्रता से समर्पित हैं। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के विषयों को लेकर अनेक शोध पत्रिकाओं में उनके शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं। श्रीमद्भगवद्गीता को लेकर होने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी अपने शोधपत्रों को प्रदर्शित किया है।