Shiva-Parvati Ki Lokkathayen | Spritual Folk Tales and Religion Stories In Hindi
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- ISBN13: 9789348957351
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
शिव ऐसे देवता हैं, जो वैदिक संस्कृति से लेकर आज तक अपनी विशिष्ट पहचान के साथ आस्था के केंद्र बने हुए हैं। ऋग्वेद में 'देव' शब्द प्रकाशमान के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। शिव देवाधिदेव महादेव हैं। उन्हें शास्त्र और लोक में अत्यंत आदर और आत्मीयता के साथ पूजा जाता रहा है। भारतीय संस्कृति एक ओर दिव्यता को प्रणाम करती रही है तो दूसरी ओर सहज-सरल व्यक्तित्व के फक्कड़ स्वभाव वाले शिव के भोलेपन पर रीझती रही है। उनका अशिव वेश और उनके अशिव वेशधारी संगी-साथी व अनुचरों की भी पूजा होती है। भागीरथी गंगा को सिर पर धारण करनेवाले पार्वती के पति परमेश्वर के प्रति लोकमन न्योछावर होता रहा है; अपनी श्रद्धा को गीतों और कथाओं में अभिव्यक्ति देता रहा है।
ये कथाएँ आराध्य और आराधक के बीच की निकटता एवं अमिट विश्वास का सजीव उदाहरण हैं। ये कथाएँ शास्त्र और लोक के अभेद तथा अभिन्न स्थिति की सशक्त प्रमाण हैं। लोक का शिव भाव इन कथाओं का मर्म है। वर्तमान और भावी पीढ़ियाँ इस मंगलभाव से जुड़ी रहें, यही इन कथाओं की प्रस्तुति का लक्ष्य है।
ये कथाएँ आराध्य और आराधक के बीच की निकटता एवं अमिट विश्वास का सजीव उदाहरण हैं। ये कथाएँ शास्त्र और लोक के अभेद तथा अभिन्न स्थिति की सशक्त प्रमाण हैं। लोक का शिव भाव इन कथाओं का मर्म है। वर्तमान और भावी पीढ़ियाँ इस मंगलभाव से जुड़ी रहें, यही इन कथाओं की प्रस्तुति का लक्ष्य है।
विद्या विंदु सिंह
कृतित्व : कुल 124 कृतियाँ प्रकाशित, जिनमें ग्यारह उपन्यास, तेरह कहानी-संग्रह, बारह कविता-संग्रह, पचीस लोक साहित्य, छह नाटक, दस निबंध-संग्रह, एक साक्षात्कार, नवसाक्षर एवं बाल साहित्य की तेईस, संपादित तेईस। अन्य अनेक पुस्तकों और पत्रिकाओं का संपादन।
आकाशवाणी व दूरदर्शन के विभिन्न केंद्रों से निरंतर प्रसारण। देश-विदेश की अनेक संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों से संबद्ध । कृतित्व पर शोधकार्य।
अनुवाद : सच के पाँव (कविता संग्रह) का नेपाली में। मलयालम, मराठी, कश्मीरी, तेलुगु, बांग्ला, ओड़िया, जापानी, अंग्रेजी भाषाओं में भी अनेक रचनाएँ अनूदित।
सम्मान : देश-विदेश की 160 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मान एवं पुरस्कार। मार्च 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत, भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक कार्यालय की संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति के लिए राजभाषा विभाग द्वारा नामित सदस्य ।
संपर्क : श्रीवत्स, 45, गोखले विहार मार्ग, लखनऊ।
मो. : 9335904929, 9451329402
इ-मेल: 45srivatsa@gmail.com
कृतित्व : कुल 124 कृतियाँ प्रकाशित, जिनमें ग्यारह उपन्यास, तेरह कहानी-संग्रह, बारह कविता-संग्रह, पचीस लोक साहित्य, छह नाटक, दस निबंध-संग्रह, एक साक्षात्कार, नवसाक्षर एवं बाल साहित्य की तेईस, संपादित तेईस। अन्य अनेक पुस्तकों और पत्रिकाओं का संपादन।
आकाशवाणी व दूरदर्शन के विभिन्न केंद्रों से निरंतर प्रसारण। देश-विदेश की अनेक संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों से संबद्ध । कृतित्व पर शोधकार्य।
अनुवाद : सच के पाँव (कविता संग्रह) का नेपाली में। मलयालम, मराठी, कश्मीरी, तेलुगु, बांग्ला, ओड़िया, जापानी, अंग्रेजी भाषाओं में भी अनेक रचनाएँ अनूदित।
सम्मान : देश-विदेश की 160 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मान एवं पुरस्कार। मार्च 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत, भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक कार्यालय की संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति के लिए राजभाषा विभाग द्वारा नामित सदस्य ।
संपर्क : श्रीवत्स, 45, गोखले विहार मार्ग, लखनऊ।
मो. : 9335904929, 9451329402
इ-मेल: 45srivatsa@gmail.com