Sapnon Ka Saudagar | Hindi Translation of Karma's Child Subhash Ghai: The Story of Indian Cinema's Ultimate Showman

Sapnon Ka Saudagar | Hindi Translation of Karma's Child Subhash Ghai: The Story of Indian Cinema's Ultimate Showman

by Subhash Ghai::Shri Suveen Sinha

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  • ISBN13: 9789355626721
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Biography
सुभाष घई भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं में से एक हैं। 1976 से 2008 के बीच उन्होंने सोलह फिल्में बनाईं, जिनमें से बारह -कालीचरण, कर्ज, विधाता, हीरो, कर्मा, राम लखन, मेरी जंग, सौदागर, खलनायक, परदेस, ताल और यादें- बड़ी हिट रहीं, जबकि बाकी फिल्मों को भी समीक्षकों की सराहना मिली। घई की फिल्मों की विशेषता उनकी दमदार कहानियाँ, यादगार संगीत और भव्यता थी। उन्होंने अपनी फिल्मों में बड़े सितारों के साथ-साथ नए चेहरों को भी मौका दिया, जो आगे चलकर बॉलीवुड में बड़ा नाम बने।

अपने अनोखेपन से उन्होंने दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचा, खासकर उस दौर में जब वीडियो पायरेसी अपने चरम पर थी। वे भारत में पहले फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने फिल्म का संगीत ऑडियो सीडी पर रिलीज किया। साथ ही उन्होंने हिंदी सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक साधारण पृष्ठभूमि से आकर उन्होंने सफलता की बुलंदियों को छुआ। उन्होंने यह साबित किया कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में हर दिन किस्मत बिगड़ती है तो बनती भी है। आज वे व्हिस्लिंग वुड्स फिल्म संस्थान चलाते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजने लायक विरासत है।

सुवीन सिन्हा की लिखी पुस्तक -'सपनों का सौदागर' एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो सुभाष घई की तरह ही अपनी किस्मत लिखना चाहता है।
सुभाष घई

एक प्रसिद्ध फिल्म लेखक, निर्देशक और निर्माता हैं। वे मुक्ता आर्ट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जिसे उन्होंने 1982 में स्थापित किया था। चार दशकों के अपने कॅरियर में उन्होंने कई यादगार और सफल फिल्में बनाई हैं। वे व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल के संस्थापक चेयरमैन भी हैं, जो भारत का प्रमुख फिल्म, संचार और रचनात्मक कला संस्थान है, जिसे 2006 में शुरू किया गया था।

सुवीन सिन्हा

अपने दस वर्षीय बेटे साहिल सिन्हा के अनुसार एक पुरस्कार विजेता पिता हैं। वे एक अनुभवी पत्रकार और सच्ची घटनाओं पर आधारित कई पुस्तकों के लेखक भी हैं। वे सुभाष घई की फिल्मों को देखते हुए बड़े हुए। साथ ही यश चोपड़ा, गुलजार, सलीम-जावेद, राम गोपाल वर्मा, फ्रांसिस फोर्ड कोपोला, मार्टिन स्कॉर्सेसे, आरोन सोर्किन, क्वेंटिन टैरेंटिनो और क्रिस्टोफर नोलन की फिल्मों से प्रेरणा ली। यह उनकी तीसरी पुस्तक है।

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