Sangh Ki Ansuni Kahaniyan
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- ISBN13: 9789355217233
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Political Science
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का क्या योगदान रहा है, डॉ. हरीश चंद्र बर्णवाल की पुस्तक 'संघ की अनसुनी कहानियाँ', उसका तथ्यात्मक रूप से सटीक जवाब देती है। संघ को लेकर उठने वाले हर प्रश्न के लिए यह पुस्तक न केवल एक मार्गदर्शक ग्रंथ की तरह है, बल्कि दशकों पुराने अनेक मिथकों और भ्रांतियों को भी तोड़कर रख देती है।
इस पुस्तक में 225 कहानियों के माध्यम से संघ की 100 वर्षों की यात्रा को रुचिकर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह तथ्य भी सामने आता है कि कैसे स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान संघ ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध एक बड़ी शक्ति के रूप में काम किया। डॉ. हेडगेवार से जुड़ी घटनाएँ इशारा करती हैं कि संघ ने परदे के पीछे से ही नहीं, बल्कि खुलकर स्वाधीनता की लड़ाई में हिस्सा लिया। पुस्तक में महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस और बाबासाहेब आंबेडकर समेत कई महान् स्वतंत्रता सेनानियों की संघ से जुड़ी अल्पज्ञात कहानियों को भी प्रस्तुत किया गया है।
यही नहीं, विभाजन की त्रासदी से लेकर आपातकाल का विरोध और कोरोना महामारी से लेकर भविष्य के मिशन तक, संघ की हर भूमिका को इसमें बारीकी से समाहित किया गया है। इसमें उन गुमनाम स्वयंसेवकों की कहानियाँ भी हैं, जिन्होंने 'राष्ट्र सर्वोपरि' के मूलमंत्र को हृदयंगम कर अपनी जान की बाजी लगाकर भी राष्ट्रसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह पुस्तक उन सभी अनसुनी कहानियों का समग्र दस्तावेज है, जो इस बात का प्रमाण है कि संघ सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा और समर्पण का अनवरत चलने वाला एक आंदोलन है।
इस पुस्तक में 225 कहानियों के माध्यम से संघ की 100 वर्षों की यात्रा को रुचिकर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह तथ्य भी सामने आता है कि कैसे स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान संघ ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध एक बड़ी शक्ति के रूप में काम किया। डॉ. हेडगेवार से जुड़ी घटनाएँ इशारा करती हैं कि संघ ने परदे के पीछे से ही नहीं, बल्कि खुलकर स्वाधीनता की लड़ाई में हिस्सा लिया। पुस्तक में महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस और बाबासाहेब आंबेडकर समेत कई महान् स्वतंत्रता सेनानियों की संघ से जुड़ी अल्पज्ञात कहानियों को भी प्रस्तुत किया गया है।
यही नहीं, विभाजन की त्रासदी से लेकर आपातकाल का विरोध और कोरोना महामारी से लेकर भविष्य के मिशन तक, संघ की हर भूमिका को इसमें बारीकी से समाहित किया गया है। इसमें उन गुमनाम स्वयंसेवकों की कहानियाँ भी हैं, जिन्होंने 'राष्ट्र सर्वोपरि' के मूलमंत्र को हृदयंगम कर अपनी जान की बाजी लगाकर भी राष्ट्रसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह पुस्तक उन सभी अनसुनी कहानियों का समग्र दस्तावेज है, जो इस बात का प्रमाण है कि संघ सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा और समर्पण का अनवरत चलने वाला एक आंदोलन है।
डॉ. हरीश चंद्र बर्णवाल न्यूज इंडस्ट्री का एक जाना-पहचाना नाम है। लेखक न्यूज 18 इंडिया, ए.बी.पी. न्यूज, एन.डी.टी.वी., जी न्यूज, डी.डी. न्यूज के लिए कार्य कर चुके हैं। इस समय उनका यूट्यूब चैनल राजनीतिक विश्लेषण के क्षेत्र में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी अब तक सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 'टेलीविजन की भाषा', 'सच कहता हूँ', 'मोदी सूत्र', 'मोदी नीति' एवं 'लॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड्स' शामिल हैं।
इनके अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली के साथ मिलकर एक vBook भी तैयार कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. हरीश ने हाल के समय में 100 से अधिक गाने-भजन भी प्रोड्यूस किए हैं। लेखक को भारत सरकार के प्रतिष्ठित 'भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार' और 'हिंदी अकादमी सम्मान' के अलावा पत्रकारिता और साहित्य से जुड़े कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं।
इ-मेल : hcburnwal@gmail.com
मो.: 9810570862
इनके अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली के साथ मिलकर एक vBook भी तैयार कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. हरीश ने हाल के समय में 100 से अधिक गाने-भजन भी प्रोड्यूस किए हैं। लेखक को भारत सरकार के प्रतिष्ठित 'भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार' और 'हिंदी अकादमी सम्मान' के अलावा पत्रकारिता और साहित्य से जुड़े कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं।
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