Samram | Unlock Your Innerself Book In Hindi
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- ISBN13: 9789355219688
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Self-Help Groups
जीवन एक प्रश्न है, जिसका उत्तर हम निरंतर खोजते रहते हैं। कभी यह प्रश्न हमारे भीतर की पीड़ा से जन्म लेता है तो कभी हमारी आकांक्षाओं से, और कभी उस मौन से, जिसमें कई अनंत आत्माएँ छिपी हुई हैं। हम सोचते हैं कि हम जी रहे हैं, पर सत्य यह है कि हम केवल अर्थ की खोज कर रहे हैं। प्रत्येक क्षण हम अपने ही भीतर उतरते हैं, गिरते हैं, उठते हैं और फिर चल पड़ते हैं। यह यात्रा बाहरी नहीं, बल्कि यह यात्रा हमारे अंतःकरण की है। दार्शनिकों ने कहा है कि सत्य कहीं बाहर नहीं, वह हमारे भीतर है। ऋषियों ने कहा कि आत्मा ही ब्रह्म है।
कवियों ने कहा कि जीवन एक स्वप्न है, जो आत्मा की आँखों में खिलता और मिटता है। फिर भी, प्रश्न अब भी शेष है कि मैं कौन हूँ? यदि मैं एक शरीर हूँ तो नश्वर क्यों हूँ ? यदि आत्मा हूँ तो अमरत्व को क्यों भूल जाता हूँ ? यदि विचार हूँ तो इतना बिखरा हुआ क्यों हूँ ? यही सारे प्रश्न लेखक को इस निष्कर्ष तक ले जाते हैं कि जीवन का रहस्य एक मौन में है, जहाँ हम स्वयं को सबसे स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं।
कवियों ने कहा कि जीवन एक स्वप्न है, जो आत्मा की आँखों में खिलता और मिटता है। फिर भी, प्रश्न अब भी शेष है कि मैं कौन हूँ? यदि मैं एक शरीर हूँ तो नश्वर क्यों हूँ ? यदि आत्मा हूँ तो अमरत्व को क्यों भूल जाता हूँ ? यदि विचार हूँ तो इतना बिखरा हुआ क्यों हूँ ? यही सारे प्रश्न लेखक को इस निष्कर्ष तक ले जाते हैं कि जीवन का रहस्य एक मौन में है, जहाँ हम स्वयं को सबसे स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं।
कोमल अरन अटारिया
जन्म : अजमेर (राजस्थान) ।
शिक्षा : स्नातक (M.D.S.U.) I
बचपन से ही संगीत रचने का उत्साह था और इसी उत्साह ने उन्हें एक गायक, गीतकार, संगीतकार और फिल्म निर्देशक बना दिया। पर इन सबसे अधिक वह लिखना और सृजन करना चाहते थे, कुछ ऐसी धुनों का निर्माण करना चाहते थे, जो सबके दिलों में एक ठहराव ला सकें। जीवन की भागमभाग में कुछ देर के लिए ही सही, हमारी आत्मा को शांति दे सकें। संगीतकार और गीतकार के रूप में उन्होंने कुछ फिल्मों में अपना योगदान दिया।
हर युग का अपना एक अलग सुर होता है, अपनी एक भिन्न धुन होती है। आज के इस युग में कलाकारों की सृजनशीलता का उपयोग नहीं हो रहा है; और यदि कोई ऐसा करना चाहता भी है तो वह असफल हो जाता है, क्योंकि आज की पीढ़ी को इसका ज्ञान भी नहीं है। आखिर आध्यात्मिक वास्तविकता कहाँ लुप्त हो गई? और इसी को जानने के प्रयास में जो विचार लेखक के भीतर उत्पन्न हुए, वे आपके समक्ष हैं।
जन्म : अजमेर (राजस्थान) ।
शिक्षा : स्नातक (M.D.S.U.) I
बचपन से ही संगीत रचने का उत्साह था और इसी उत्साह ने उन्हें एक गायक, गीतकार, संगीतकार और फिल्म निर्देशक बना दिया। पर इन सबसे अधिक वह लिखना और सृजन करना चाहते थे, कुछ ऐसी धुनों का निर्माण करना चाहते थे, जो सबके दिलों में एक ठहराव ला सकें। जीवन की भागमभाग में कुछ देर के लिए ही सही, हमारी आत्मा को शांति दे सकें। संगीतकार और गीतकार के रूप में उन्होंने कुछ फिल्मों में अपना योगदान दिया।
हर युग का अपना एक अलग सुर होता है, अपनी एक भिन्न धुन होती है। आज के इस युग में कलाकारों की सृजनशीलता का उपयोग नहीं हो रहा है; और यदि कोई ऐसा करना चाहता भी है तो वह असफल हो जाता है, क्योंकि आज की पीढ़ी को इसका ज्ञान भी नहीं है। आखिर आध्यात्मिक वास्तविकता कहाँ लुप्त हो गई? और इसी को जानने के प्रयास में जो विचार लेखक के भीतर उत्पन्न हुए, वे आपके समक्ष हैं।