Samanya Ganit Pecheede Prashna
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- ISBN13: 9789382898665
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनका हल खोजना बहुत कठिन होता है । इन प्रश्नों में बहुत सारी तकनीकों का प्रयोग कर इन्हें हल करने का मार्ग खोजना पड़ता है । इसके लिए बुद्धि-चातुर्य की आवश्यकता होती है ।
सीधे-सीधे किसी फॉर्मूले में फिट करके इनके हल ज्ञात नहीं किए जा सकते । इनके हल प्राप्त करने के लिए युक्तियाँ ही काम आती हैं । यथा संख्या 10000001 किस संख्या से विभाजित होगी? यहाँ 10000001 को विभाजित करनेवाली संख्याओं को तलाश करने के लिए अनेक युक्तियों का प्रयोग करना पड़ेगा । यह एक लंबी प्रक्रिया है ।
हम कहें, ' चौवन, पचपन और छप्पन में सबसे बड़ी संख्या कौन सी है? ' तो यह एक सीधा-सादा प्रश्न है; परंतु यदि कहें, ' सतहत्तर, अठहत्तर और उनहत्तर में कौन सी संख्या सबसे बड़ी है? ' तब यह प्रश्न सीधा होते हुए भी अपने आप में थोड़ा पेचीदा है । इसी प्रकार छोटे-छोटे बच्चों, जो जोड़-घटाना सीख रहे होते हैं, से पूछा जाए कि एक रूमाल के चार कोनों में से एक कोना काट दिया जाए तो कितने कोने शेष बचेंगे? यह उनके लिए मनोरंजन की बात है ।
प्रस्तुत पुस्तक में सामान्य गणित के ' पहेली ' वर्ग में आनेवाले कुछ पेचीदे प्रश्नों का संकलन किया गया है, जो सामान्य व्यक्ति या गणित के विद्यालय स्तर के विद्यार्थियों के लिए मनोरंजन का साधन हो सकते हैं । ये प्रश्न पाठक के मन में गणित- अध्ययन के प्रति रुचि उत्पन्न करने के साथ-साथ उनका ज्ञानवर्धन भी करेंगे ।
सीधे-सीधे किसी फॉर्मूले में फिट करके इनके हल ज्ञात नहीं किए जा सकते । इनके हल प्राप्त करने के लिए युक्तियाँ ही काम आती हैं । यथा संख्या 10000001 किस संख्या से विभाजित होगी? यहाँ 10000001 को विभाजित करनेवाली संख्याओं को तलाश करने के लिए अनेक युक्तियों का प्रयोग करना पड़ेगा । यह एक लंबी प्रक्रिया है ।
हम कहें, ' चौवन, पचपन और छप्पन में सबसे बड़ी संख्या कौन सी है? ' तो यह एक सीधा-सादा प्रश्न है; परंतु यदि कहें, ' सतहत्तर, अठहत्तर और उनहत्तर में कौन सी संख्या सबसे बड़ी है? ' तब यह प्रश्न सीधा होते हुए भी अपने आप में थोड़ा पेचीदा है । इसी प्रकार छोटे-छोटे बच्चों, जो जोड़-घटाना सीख रहे होते हैं, से पूछा जाए कि एक रूमाल के चार कोनों में से एक कोना काट दिया जाए तो कितने कोने शेष बचेंगे? यह उनके लिए मनोरंजन की बात है ।
प्रस्तुत पुस्तक में सामान्य गणित के ' पहेली ' वर्ग में आनेवाले कुछ पेचीदे प्रश्नों का संकलन किया गया है, जो सामान्य व्यक्ति या गणित के विद्यालय स्तर के विद्यार्थियों के लिए मनोरंजन का साधन हो सकते हैं । ये प्रश्न पाठक के मन में गणित- अध्ययन के प्रति रुचि उत्पन्न करने के साथ-साथ उनका ज्ञानवर्धन भी करेंगे ।
वीरेंद्र कुमार
जन्म : 18 जुलाई, 1948 ।
शिक्षा : एम. एस - सी. ( गणित), बी. एड. । प्रवक्ता-गणित, एम .एल. इंटर कॉलेज, सहपऊ, मथुरा ( उ प्र.) ।
प्रकाशन : अब तक ' वैदिक अंकगणित ', ' वैदिक बीजगणित ', ' मीठा बोलें, सुखी रहें ' और ' सामान्य गणित, पेचीदे प्रश्न' पुस्तकें प्रकाशित ।
अनेक शोध-पत्र प्रकाशित । विज्ञान व गणित की अनेक पुस्तकों के लेखन में संलग्न ।
जन्म : 18 जुलाई, 1948 ।
शिक्षा : एम. एस - सी. ( गणित), बी. एड. । प्रवक्ता-गणित, एम .एल. इंटर कॉलेज, सहपऊ, मथुरा ( उ प्र.) ।
प्रकाशन : अब तक ' वैदिक अंकगणित ', ' वैदिक बीजगणित ', ' मीठा बोलें, सुखी रहें ' और ' सामान्य गणित, पेचीदे प्रश्न' पुस्तकें प्रकाशित ।
अनेक शोध-पत्र प्रकाशित । विज्ञान व गणित की अनेक पुस्तकों के लेखन में संलग्न ।