REET Grade-III Adhyapak Level 1 & 2, Shekshanik Manovigyan Evam Suchna Takniki
₹195.00
₹166.00
14% OFF
Ships in 1 - 2 Days
Secure Payment Methods at Checkout
- ISBN13: 9789354884702
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Competitive Books
प्रस्तुत पुस्तक 'ग्रेड-3 अध्यापक, लेबल-1 एवं 2 (शैक्षणिक मनोविज्ञान, शैक्षिक परिदृश्य, निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं सूचना तकनीकी )' उन अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है, जो राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर द्वारा आयोजित ग्रेड-ग अध्यापक, लेवल-1 एवं 2 परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पुस्तक में शैक्षणिक मनोविज्ञान, शैक्षिक परिदृश्य, नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं सूचना तकनीकी विषयों पर परीक्षोपयोगी सामग्री दी गई है।
पुस्तक राजस्थान ग्रेड-3 अध्यापक परीक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य विशेषताएं --
सहज एवं सरल भाषा का प्रयोग
विषय की अवधारणाओं की स्पष्टता
नवीनतम परीक्षा पद्वघति पर आधारित
अभ्यास प्रश्नों का समावेश
पुस्तक राजस्थान ग्रेड-3 अध्यापक परीक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य विशेषताएं --
सहज एवं सरल भाषा का प्रयोग
विषय की अवधारणाओं की स्पष्टता
नवीनतम परीक्षा पद्वघति पर आधारित
अभ्यास प्रश्नों का समावेश
कुँवर कनक सिंह राव वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र के शिरोमणि, योग्य, कर्मठ लेखक एवं शिक्षक कुँवर कनक सिंह राव का जन्म राजस्थान के कांठल -- प्रतापगढ़ के पास ठिकाना 'ढलमू' में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उप्र से भी पूर्व वे 'कुँवर क्रांति' के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गये और शीघ्र ही अखिल भारतीय कवि के रूप में ख्याति अर्जित की। राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और आशावादी काव्य पाठ कर पाठकों का मन हरते रहे। साहित्य के साथ ही वे आकाशवाणी से भी जुड़े तथा वहाँ पर काव्य पाठ एवं युवाओं के संदर्भ में उनकी वार्ताएँ प्रसारित हुई। साहित्य क्षेत्र के साथ ही वे कालांतर में शैक्षणिक क्षेत्र में भी एक दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति अपनी चमक बिखेरते हुए उदित हुए और स्थापित हो गए। स्नातक स्तर के अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय स्तर एवं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं सहित वे अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रहे। 1997 में बी.एड. करने के पश्चात् वर्ष 1997-98 में रेलवे स्टेशन मास्टर परीक्षा में वे चयनित हुए। 1998 में राज्य पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा 1999 में ए.ई.सी.एस में प्रारम्भ में टी.जी.टी के रूप में तथा सन् 2000 में इतिहास के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया। राजस्थान के युवाओं के मध्य शीघ्र ही उन्होंने इतिहास के अध्यापक के रूप में एक अविस्मरणीय स्थान बनाया जो आज भी यथावत् है। साहित्य लेखन के साथ-साथ लेखन में भी सक्रिय हुए। 2001 से प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों के लेखन व जयपुर की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा कोचिंग कक्षाओं में सामान्य अध्ययन तथा आई.सी.एस, व आरए,एस, परीक्षा में इतिहास ऐच्छिक विषय के व्याख्याता के रूप में अनवरत शिक्षण कार्य कर रहे हैं। ई-मेल : kunwarkanak9@gmail.com