Raskhan Ratnawali

Raskhan Ratnawali

by Ed. Raghav Raghu

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  • ISBN13: 9789350480410
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
भारत में संत-कवियों की एक लंबी परंपरा रही है। भक्‍त कवियों की श्रेणी में रसखान का अनन्य स्‍थान है। उनका पूरा काव्य भगवान् श्रीकृष्‍ण को अर्पित है, जिन्हें वे अपना सखा, पथ-प्रदर्शक, आराध्य और मुक्‍त‌िदाता मानते रहे।
रसखान ने अपनी रचनाएँ श्रीकृष्‍ण को केंद्र में रखकर लिखीं, मानो उनका प्रत्येक शब्द भेंट के रूप में उन्हें समर्पित कर दिया हो। काव्य-सृजन में उन्होंने न तो किसी विशेष परंपरा व अनुसरण किया, न ही अपनी परंपराएँ किसी पर थोपीं।
उनके काव्य में संयोग और वियोग—दोनों रसों के विलक्षण दर्शन होते हैं। कहीं गोप-भाव से तो कहीं गोपी-भाव से उन्होंने अपने आराध्य भगवान् श्रीकृष्‍ण के साथ काव्य-रास किया है।
प्रस्तुत पुस्तक में रसखान का जीवन-परिचय एवं काव्य-रचनाओं का सार-संक्षेप दिया गया है, जो निश्‍चय ही पाठकों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक सिद्ध होगा।
राघव ‘रघु’
प्राचीन भक्‍त‌ि-कवियों की रचनाओं का अध्ययन कर उनकी रचनाओं को जनमानस तक पहुँचाने में विशेष अभिरुचि। संप्रति स्वतंत्र लेखन।

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