Rashtriya Chetna Ka Kavya
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- ISBN13: 9789355626974
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Political Science
राष्ट्रीय चेतना का काव्य' एक ऐसी पुस्तक है, जो हमें हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य की झलक दिखाती है। यह पुस्तक केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं और राष्ट्रीय गौरव की अभिव्यक्ति है। इस संग्रह के कवि और उनकी कविताएँ देशभक्ति, त्याग, स्वतंत्रता संग्राम और समाजचेतना की परिचायक हैं। प्रत्येक कविता पाठक को सोचने, महसूस करने और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होने के लिए आमंत्रित करती है। यह संग्रह शिक्षकों, छात्रों और हर जागरूक नागरिक के लिए मार्गदर्शक है, जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय चेतना को गहराई से समझना चाहते हैं।
यह संग्रह हमें यह भी याद दिलाता है कि असली देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि भावनाओं, चिंतन और कर्म में प्रकट होती है। हर कविता भारत की आत्मा का प्रतिबिंब हैजो गौरवपूर्ण अतीत को सँजोती है, वर्तमान को पहचानती है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है। 'राष्ट्रीय चेतना का काव्य' कृति हर पाठक के हृदय में एक नई ऊर्जा और जिम्मेदारी की भावना जाग्रत् करती है, और हमें हमारे देश से जुड़े अदृश्य सूत्रों से जोड़ती है।
यह संग्रह हमें यह भी याद दिलाता है कि असली देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि भावनाओं, चिंतन और कर्म में प्रकट होती है। हर कविता भारत की आत्मा का प्रतिबिंब हैजो गौरवपूर्ण अतीत को सँजोती है, वर्तमान को पहचानती है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है। 'राष्ट्रीय चेतना का काव्य' कृति हर पाठक के हृदय में एक नई ऊर्जा और जिम्मेदारी की भावना जाग्रत् करती है, और हमें हमारे देश से जुड़े अदृश्य सूत्रों से जोड़ती है।
विनम्र सेन सिंह
जन्म : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 15 नवंबर, 1988 को।
उपाधि । शिक्षा : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से शोध की
कृतित्व : 2016 से 2018 तक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अध्यापन। वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर । 'मार्क्सवादी आलोचना का विकास', 'अपना भारत देश महान्', 'विवेकी राय : आंचलिकता और लोकजीवन', 'बादलों को आईना समझो' आदि पुस्तकें प्रकाशित। 'रामचरित उपाध्याय रचनावली', 'काली मिट्टी पर पारे की रेखा' के सहसंपादक के रूप में कार्य किया। 'श्यामल घट अमृत कलश' सहित अन्य कई पुस्तकों का संपादन। पत्रपत्रिकाओं में नियमित लेखन। प्रयागराज में 'नया परिमल' नामक साहित्यिक संस्था की स्थापना।
संपर्क : 6एफ, बैंक रोड, विश्वविद्यालय शिक्षक आवास, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज211002
इमेल: vinamra1234@gmail.com
जन्म : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 15 नवंबर, 1988 को।
उपाधि । शिक्षा : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से शोध की
कृतित्व : 2016 से 2018 तक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अध्यापन। वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर । 'मार्क्सवादी आलोचना का विकास', 'अपना भारत देश महान्', 'विवेकी राय : आंचलिकता और लोकजीवन', 'बादलों को आईना समझो' आदि पुस्तकें प्रकाशित। 'रामचरित उपाध्याय रचनावली', 'काली मिट्टी पर पारे की रेखा' के सहसंपादक के रूप में कार्य किया। 'श्यामल घट अमृत कलश' सहित अन्य कई पुस्तकों का संपादन। पत्रपत्रिकाओं में नियमित लेखन। प्रयागराज में 'नया परिमल' नामक साहित्यिक संस्था की स्थापना।
संपर्क : 6एफ, बैंक रोड, विश्वविद्यालय शिक्षक आवास, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज211002
इमेल: vinamra1234@gmail.com