Rashtrapita Mahatma Gandhi

Rashtrapita Mahatma Gandhi

by Mahesh Sharma

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  • ISBN13: 9789383111855
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Literature & Fiction
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
देश की आजादी तथा दु:खी मानवता के उद्धार के लिए गांधीजी जीवन भर संघर्षरत रहे। उनकी यात्रा पोरबंदर से आरंभ होकर राजकोट, इंग्लैंड, डरबन, जोहांसबर्ग, अहमदाबाद और कलकत्ता आदि से गुजरती हुई दिल्ली में समाप्त हुई। वे अंत समय तक देश-निर्माण, सांप्रदायिक सौहार्द, एकता-अखंडता के लिए कार्य करते रहे।
अहिंसा गांधीजी का अचूक अस्त्र था, जो एटम बम से भी ज्यादा ताकतवर था। अंग्रेज सरकार उनके सत्याग्रह और अहिंसा से बहुत खौफ खाती थी। उन्होंने खादी को घर-घर पहुँचाया और स्वदेशी को प्रोत्साहन दिया। स्वयं अछूतें के साथ रहकर उनके दु:ख-दर्द को महसूस किया और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्हें अनेक बार जेल-यात्रा करनी पड़ी।
सत्याग्रह की ताकत ने गांधीजी को महात्मा बनाया और इसके बल पर उन्होंने आजादी के समर में प्रत्येक देशवासी को एक सिपाही के रूप में बदल दिया। सत्यवादिता ने उनमें आत्मिक शक्ति भर दी थी कि उनके एक आह्वान पर लाखों लोग सिर कटाने को तैयार हो जाते थे।
गांधीजी के बारे में जितना लिखा-पढ़ा जाए, कम है। कृतज्ञ राष्ट्र ने अपने प्यारे बापू को ‘राष्ट्रपिता’ के सम्मान से विभूषित किया।
एक युगपुरुष और महान् व्यक्ति के अंतहीन कार्यों की ब्योरेवार जानकारी देती एक प्रेरणादायी पुस्तक।
प्रतिष्‍ठ‌ित लेखक श्री महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में तब आरंभ हुआ, जब वे हाई स्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय, झाँसी से सन् 1989 में हिंदी में एम.ए. किया। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
अब तक अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनकी 3,000 से अधिक विविध विषयी रचनाएँ तथा मौलिक एवं संपादित 400 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, जिनमें प्रमुख हैं—नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा ‘यूथ अवार्ड’ तथा ‘अंतर्धारा’ समाचार व फीचर सेवा, दिल्ली द्वारा ‘लेखक रत्‍न’ पुरस्कार।
संप्रति : स्वतंत्र पत्रकार व लेखक।

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