Raigarh Gharane Ki Kathak Rachnaon ka SaundryaBodh
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- ISBN13: 9789355621498
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
नृत्यकला में सौंदर्य का विशेष महत्त्व है। भाव और रस के आश्रय से उत्पन्न सौंदर्य की अनुभूति केवल कलाकार ही नहीं करता, अपितु दर्शक भी करते हैं। वैसे तो नृत्य का प्रत्येक तत्त्व सौंदर्य की अनुभूति से अनुप्राणित है, किंतु नर्तक जब नृत्य की रचनाओं को अंगभंगिमाओं के माध्यम से अभिव्यक्त करता है, तो सामान्य सा दिखने वाला सौंदर्य द्विगुणित हो जाता है।
इस पुस्तक में राजा चक्रधर सिंहजी द्वारा रचित रचनाओं में निहित सौंदर्यबोध को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है, जिससे कथक नृत्य, विशेष रूप से रायगढ़ घराने की इस नृत्यशैली के विकास का नवीन अध्याय प्रारंभ होगा, ऐसी आशा है।
इस पुस्तक में राजा चक्रधर सिंहजी द्वारा रचित रचनाओं में निहित सौंदर्यबोध को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है, जिससे कथक नृत्य, विशेष रूप से रायगढ़ घराने की इस नृत्यशैली के विकास का नवीन अध्याय प्रारंभ होगा, ऐसी आशा है।
नृत्यजगत् में साधनारत डॉ. यास्मीन सिंह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ घराने से संबद्ध नई पीढ़ी की नृत्यांगनाओं में एक प्रतिनिधि नाम है। मूल घराना रायगढ़ से संबद्ध होते हुए भी अपने प्रगतिशील दृष्टिकोण के चलते लखनऊ घराने का अध्ययन किया। मिश्रित शैली में कथक प्रस्तुत करते हुए कलासमीक्षकों एवं कलारसिकों को प्रभावित करने में सक्षम हैं।
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर से कथक नृत्य पर 'पीएच.डी.' की उपाधि प्राप्त की है। साथ ही संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा कथक नृत्य में शोध हेतु 'सीनियर फैलोशिप सम्मान' 201819; आई.सी.सी.आर. की पंजीकृत कलाकार तथा उत्कृष्ट श्रेणी की सूचीबद्ध कलाकार हैं। देश के लगभग सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रायगढ़ घराने की नृत्यसंरचनाओं की प्रस्तुतियाँ दी हैं। देश का प्रमुख शोध पत्रिकाओं में अनेक शोधपत्र भी प्रकाशित हुए हैं।
संप्रति कथक नृत्य के रायगढ़ घराने के विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने हेतु संकल्पित हैं।
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर से कथक नृत्य पर 'पीएच.डी.' की उपाधि प्राप्त की है। साथ ही संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा कथक नृत्य में शोध हेतु 'सीनियर फैलोशिप सम्मान' 201819; आई.सी.सी.आर. की पंजीकृत कलाकार तथा उत्कृष्ट श्रेणी की सूचीबद्ध कलाकार हैं। देश के लगभग सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रायगढ़ घराने की नृत्यसंरचनाओं की प्रस्तुतियाँ दी हैं। देश का प्रमुख शोध पत्रिकाओं में अनेक शोधपत्र भी प्रकाशित हुए हैं।
संप्रति कथक नृत्य के रायगढ़ घराने के विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने हेतु संकल्पित हैं।