Punyabhoomi Bharat
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- ISBN13: 9788173155789
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
पुण्यभूमि भारत
सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती सुधा मूर्ति के ये प्रेरक संस्मरण भारतीय संस्कृति, जीवन-मूल्यों और संस्कारों से हमारा परिचय कराते हैं। भावपूर्ण शैली और बेहद पठनीय ये अनुकरणीय प्रसंग जहाँ हमें अपने गौरवशाली अतीत का स्मरण कराते हैं, वहीं उज्ज्वल भविष्य की ओर हमें उन्मुख करते हैं। यही वे मूल्य हैं जो भारत को ‘पुण्यभूमि’ बनाते हैं।
सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती सुधा मूर्ति के ये प्रेरक संस्मरण भारतीय संस्कृति, जीवन-मूल्यों और संस्कारों से हमारा परिचय कराते हैं। भावपूर्ण शैली और बेहद पठनीय ये अनुकरणीय प्रसंग जहाँ हमें अपने गौरवशाली अतीत का स्मरण कराते हैं, वहीं उज्ज्वल भविष्य की ओर हमें उन्मुख करते हैं। यही वे मूल्य हैं जो भारत को ‘पुण्यभूमि’ बनाते हैं।
श्रीमती सुधा मूर्ति कंप्यूटर विशेषज्ञा हैं, जिन्होंने हुब्बलि के बी.वी.बी. कॉलेज से बी.ई. तथा बंगलौर के टाटा विज्ञान मंदिर से एम्.ई. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। आपने सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में पास की हैं; रैंक और स्वर्णपदक भी प्राप्त किए हैं। कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित कन्नड़ भाषा में आपकी कई रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। देश-विदेश में सुविख्यात इंफोसिस कंपनी को बढ़ाने में आपका सक्रिय योगदान रहा है। आप इंफोसिस फाउंडेशन की न्यासी हैं।
आपकी कई रचनाएँ कन्नड़ पत्र-पत्रिकाओं में धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुई हैं। ‘महाश्वेता’, ‘अतिरिक्ता’, ‘अव्यक्ता’, ‘यशस्वी’, ‘डॉलर बहू’, ‘...और बकुला गिर गया’ आपके लोकप्रिय एवं बहुचर्चित उपन्यास हैं। व्यक्तित्व विकास संबंधी विषय पर ‘अनमोल प्रसंग’ एवं ‘अपना दीपक स्वयं बनें’ आपकी महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं।
आपको देश-विदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
आपकी कई रचनाएँ कन्नड़ पत्र-पत्रिकाओं में धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुई हैं। ‘महाश्वेता’, ‘अतिरिक्ता’, ‘अव्यक्ता’, ‘यशस्वी’, ‘डॉलर बहू’, ‘...और बकुला गिर गया’ आपके लोकप्रिय एवं बहुचर्चित उपन्यास हैं। व्यक्तित्व विकास संबंधी विषय पर ‘अनमोल प्रसंग’ एवं ‘अपना दीपक स्वयं बनें’ आपकी महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं।
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