Praniyon Ka Whatsapp Aur Anya Kathayen
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- ISBN13: 9789348957917
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
प्राणियों का व्हाट्सएप और अन्य कथाएँ' की सारी कहानियाँ जंगल, जंगल में स्थित विविध प्राणी, उनकी आदतें, स्वाभाविक विशेषताएँ, मोबाइल का प्रवेश होने के बाद उनके जीवन में होने वाले परिवर्तन और उस कारण होने वाली समस्याएँ आदि के इर्द-गिर्द घूमती-फिरती हैं। आधुनिक तंत्रज्ञान के परिणामस्वरूप मनुष्य प्राणी की तरह जंगल में स्थित प्राणियों का जीवन भी कैसे आमूलचूल परिवर्तित हो जाता है, इसका यथार्थ वर्णन इस पुस्तक में है। जंगल और पशु-पक्षियों के माध्यम से बच्चों को जीवन-मूल्य, पर्यावरण, आपसी मेलजोल आदि से परिचित करवाने वाली मनोरंजक, रोचक, भावपूर्ण बाल कहानियों का संकलन।
डॉ. विशाल तायडे
छह मौलिक कृतियाँ, पाँच संदर्भ पुस्तकें, जिनमें राज्यशास्त्र संपूर्ण मार्गदर्शिका, 'मेरी किताब' जीवन कौशल शिक्षा हेतु स्वीकृत । महाराष्ट्र राज्य शै.सं एवं प्रशिक्षण परिषद् नवोदित साहित्यिकों के लिए साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा दी जाने वाली यातायातवृत्ति प्राप्त। 'डिसग्रेस' उपन्यास भारत सरकार के भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर द्वारा संपूर्ण भारत में वितरण हेतु चयनित। जिलास्तरीय निरंतर, शैक्षणिक एवं व्यावसायिक विकास संस्था, संभाजी नगर, महाराष्ट्र में वरिष्ठ व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं।
इ-मेल : vishal18198@gmail.com
मो.: 9422218198, 8275231401
प्रो. सुनील बाबुराव कुळकर्णी
अब तक पाँच संदर्भ, आठ अनूदित, पाँच संपादित और आठ संपादित पाठ्य-पुस्तकें तथा 150 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित । उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग, भारत सरकार नई दिल्ली के केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली के निदेशक हैं।
इ-मेल: sunilkulkarni38@gmail.com
मो. : 9422217600, 9834706834
छह मौलिक कृतियाँ, पाँच संदर्भ पुस्तकें, जिनमें राज्यशास्त्र संपूर्ण मार्गदर्शिका, 'मेरी किताब' जीवन कौशल शिक्षा हेतु स्वीकृत । महाराष्ट्र राज्य शै.सं एवं प्रशिक्षण परिषद् नवोदित साहित्यिकों के लिए साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा दी जाने वाली यातायातवृत्ति प्राप्त। 'डिसग्रेस' उपन्यास भारत सरकार के भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर द्वारा संपूर्ण भारत में वितरण हेतु चयनित। जिलास्तरीय निरंतर, शैक्षणिक एवं व्यावसायिक विकास संस्था, संभाजी नगर, महाराष्ट्र में वरिष्ठ व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं।
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प्रो. सुनील बाबुराव कुळकर्णी
अब तक पाँच संदर्भ, आठ अनूदित, पाँच संपादित और आठ संपादित पाठ्य-पुस्तकें तथा 150 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित । उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग, भारत सरकार नई दिल्ली के केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली के निदेशक हैं।
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