Paramhansa Yogananda Ke Anmol Vichar
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- ISBN13: 9789349116351
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Self-Help Groups
परमहंस योगानंद, एक ऐसा नाम, जिन्होंने आध्यात्मिक खोज को एक नई पहचान दी। उन्होंने आत्म-खोज के लिए प्रयुक्त हो सकने वाली तकनीकों को विकसित किया। अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए 1920 में पहली बार श्री परमहंस योगानंद अमरीका पहुँचे। भारत में रहते हुए उन्होंने 'योगदा सत्संग सोसाइटी' और अमरीका में 'सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप' नामक संस्थाओं की स्थापना की। यह संस्था आज 62 देशों में फैली है।
यह विश्वव्यापी संस्था श्री परमहंस योगानंद के जीवन भर किए गए अथक प्रयासों का परिणाम है। योगानंद अमरीका में बसने वाले पहले भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्हें व्हाइट हाउस में अमरीका के राष्ट्रपति केल्विन कूलिज द्वारा निमंत्रण दिया गया। उनके प्रारंभिक दिनों में 'लॉस एंजेलिस टाइम्स' द्वारा उन्हें '20वीं सदी के पहले सुपरस्टार गुरु' के रूप में संबोधित किया गया।
यह विश्वव्यापी संस्था श्री परमहंस योगानंद के जीवन भर किए गए अथक प्रयासों का परिणाम है। योगानंद अमरीका में बसने वाले पहले भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्हें व्हाइट हाउस में अमरीका के राष्ट्रपति केल्विन कूलिज द्वारा निमंत्रण दिया गया। उनके प्रारंभिक दिनों में 'लॉस एंजेलिस टाइम्स' द्वारा उन्हें '20वीं सदी के पहले सुपरस्टार गुरु' के रूप में संबोधित किया गया।
स्वाति गौतम बड़े से शहर की एक आम इनसान। पत्र-पत्रिकाओं, समाचार-पत्र और विभिन्न मीडिया हाउसेस में नियमित लेखन । 'चारु रत्न' के बाद आनेवाला दूसरा उपन्यास 'रंगी लाल गली' तथा अन्य पुस्तकें हैं- ' 25 टॉप मोटिवेटर्स के इंसपाइरिंग विचार', '10 महान् व्यक्तियों के 100 महान् विचार', 'आध्यात्मिक गुरुओं के प्रेरक विचार', 'अरबपति कारोबारियों के मोटिवेशनल विचार', 'जैक मा के सक्सेस सीक्रेट्स', 'फ्लैट नं. 714 में रहस्यमय मौत', 'अंत अभी शेष है' एवं 'जे. कृष्णमूर्ति के दार्शनिक विचार'।
इ-मेल : swati.sgautam@gmail.com
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