Paltu Bagh Aur Anya Kahaniyan (Hindi Translation of Collected Short Stories)
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- ISBN13: 9789355214119
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
वह बहुत पहले की बात है''
“कितना लंबा समय ?''
“पाँच साल पहले की ।''
''ओह, पाँच साल ! तो पता करो, पता
करो।!!
“कोई फायदा नहीं। अब उसके पास कोई मूवी कैमरा नहीं है । उसने बेच दिया।'!
“बेच दिया,'' किशोर ने ऐसे कहा जैसे मैंने उसे चोट पहुँचा दी, “परंतु तुमने उसे क्यों नहीं खरीदा ? हमें बस सिर्फ एक मूवी कैमरा की ही जरूरत है। फिर हमारा भाग्य बदल जाएगा। मैं फिल्म प्रोड्यूस कर दूँगा, मैं ही निर्देशित कर दूँगा और मैं गाने लिख दूँगा। चार्ली चैपलिन और राज कपूर दोनों एक साथ ।''
“तुमने कैमरा क्यों नहीं खरीदा ?“
“क्योंकि मेरे पास पैसा नहीं था।“
“परंतु हमसे उधार ले लिया होता।“
“अगर तुम इस स्थिति में हो कि धन उधार दे सकते हो तो जाओ एक दूसरा कैमरा खरीद लो ।''
“कभी नहीं। मुझे फिर से किसी समस्या में नहीं पड़ना ।'
–इसी पुस्तक से
सुप्रसिद्ध कहानीकार रस्किन बॉण्ड के इस कहानी-संग्रह "पालतू बाघ और अन्य कहानियाँ” में बच्चों के बाल मनोविज्ञान को बड़ी बारीकी से उकेरा गया है। कहानियाँ पठनीय हैं और खूब मनोरंजक भी |
“कितना लंबा समय ?''
“पाँच साल पहले की ।''
''ओह, पाँच साल ! तो पता करो, पता
करो।!!
“कोई फायदा नहीं। अब उसके पास कोई मूवी कैमरा नहीं है । उसने बेच दिया।'!
“बेच दिया,'' किशोर ने ऐसे कहा जैसे मैंने उसे चोट पहुँचा दी, “परंतु तुमने उसे क्यों नहीं खरीदा ? हमें बस सिर्फ एक मूवी कैमरा की ही जरूरत है। फिर हमारा भाग्य बदल जाएगा। मैं फिल्म प्रोड्यूस कर दूँगा, मैं ही निर्देशित कर दूँगा और मैं गाने लिख दूँगा। चार्ली चैपलिन और राज कपूर दोनों एक साथ ।''
“तुमने कैमरा क्यों नहीं खरीदा ?“
“क्योंकि मेरे पास पैसा नहीं था।“
“परंतु हमसे उधार ले लिया होता।“
“अगर तुम इस स्थिति में हो कि धन उधार दे सकते हो तो जाओ एक दूसरा कैमरा खरीद लो ।''
“कभी नहीं। मुझे फिर से किसी समस्या में नहीं पड़ना ।'
–इसी पुस्तक से
सुप्रसिद्ध कहानीकार रस्किन बॉण्ड के इस कहानी-संग्रह "पालतू बाघ और अन्य कहानियाँ” में बच्चों के बाल मनोविज्ञान को बड़ी बारीकी से उकेरा गया है। कहानियाँ पठनीय हैं और खूब मनोरंजक भी |
रस्किन बॉण्ड का जन्म 1934 में कसौली में हुआ था। उनका लालन-पालन देहरादून व शिमला में हुआ। कुछ दिनों के लिए उन्होंने जर्सी, लंदन व दिल्ली में काम किया, फिर 1960 के दशक में पूर्णकालीन लेखक बनने के लिए मसूरी आ गए; तब से वहीं रह रहे हैं।
रस्किन बॉण्ड ने अनेक उपन्यास, संस्मरण, लघु कथा-संग्रह, निबंध और कविताएँ लिखीं। उनकी पुस्तकों में प्रसिद्ध 'रूम ऑन द रूफ' (जॉन ल्वेलिन रूज पुरस्कार से सम्मानित), 'अ फ्लाइट ऑफ पीजन्स', 'द ब्लू अंब्रेला', “टाइम स्टॉप्स एट शामली ', “नाइट ट्रेन एट देवली', 'अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा' (साहित्य अकादेमी सम्मान से अलंकृत) और 'रेन इन द माउंटेन्स' हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1999 में पद्मश्री से और 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित।
रस्किन बॉण्ड ने अनेक उपन्यास, संस्मरण, लघु कथा-संग्रह, निबंध और कविताएँ लिखीं। उनकी पुस्तकों में प्रसिद्ध 'रूम ऑन द रूफ' (जॉन ल्वेलिन रूज पुरस्कार से सम्मानित), 'अ फ्लाइट ऑफ पीजन्स', 'द ब्लू अंब्रेला', “टाइम स्टॉप्स एट शामली ', “नाइट ट्रेन एट देवली', 'अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा' (साहित्य अकादेमी सम्मान से अलंकृत) और 'रेन इन द माउंटेन्स' हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1999 में पद्मश्री से और 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित।