Omkar | The Stealth Warrior
₹250.00
₹213.00
14% OFF
Ships in 1 - 2 Days
Secure Payment Methods at Checkout
- ISBN13: 9789348724991
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
ओंकार' एक गुमनाम देश-सेवक के संस्मरणों का संग्रह है। इसका कालखंड अस्सी के दशक के आखिरी वर्षों से लेकर नब्बे के दशक के मध्य तक का है। यह वह समय था, जब देश में राजनीतिक व आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से हालात काफी नाजुक थे।1 उस समय भारत के कई राज्यों में कट्टरपंथी ताकतें व आतंकवाद अपने चरम पर था। ऐसे समय में भारत की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकवाद से लड़ने के लिए अलग-अलग कदम उठाए गए।
'ओंकार' भी इन्हीं में से किसी एक टीम का सदस्य था, जिसने अपने छोटे से कार्यकाल में अलग-अलग तरह से व अलग-अलग जगहों पर जाकर कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया था। वह समय ऐसा था, जब सीमित संसाधनों के सहारे ही गुप्त रूप से काम करने होते थे। संचार, यातायात व आश्रय के साधन बहुत सीमित होते थे। ओंकार का कार्यक्षेत्र उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों, जैसे पंजाब, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल व हरियाणा में रहा।
हर तरह के मौसम, हालातों से जूझते हुए व अलग-अलग परिवेशों में उसने अपने कार्यों को पूरा किया। किसी भी इनसान का एक दोहरी जिंदगी को जीते हुए कार्य, परिवार व सामान्य जीवन में सामंजस्य बिठाना बहुत कठिन होता है। ओंकार ने अपने संस्मरणों में इस मनःस्थिति का भी जिक्र किया है। इस पुस्तक में ऐसे अनाम देशप्रेमी के संस्मरणों को संकलित कर हर भारतीय को प्रेरित करने का मंतव्य निहित है।
'ओंकार' भी इन्हीं में से किसी एक टीम का सदस्य था, जिसने अपने छोटे से कार्यकाल में अलग-अलग तरह से व अलग-अलग जगहों पर जाकर कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया था। वह समय ऐसा था, जब सीमित संसाधनों के सहारे ही गुप्त रूप से काम करने होते थे। संचार, यातायात व आश्रय के साधन बहुत सीमित होते थे। ओंकार का कार्यक्षेत्र उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों, जैसे पंजाब, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल व हरियाणा में रहा।
हर तरह के मौसम, हालातों से जूझते हुए व अलग-अलग परिवेशों में उसने अपने कार्यों को पूरा किया। किसी भी इनसान का एक दोहरी जिंदगी को जीते हुए कार्य, परिवार व सामान्य जीवन में सामंजस्य बिठाना बहुत कठिन होता है। ओंकार ने अपने संस्मरणों में इस मनःस्थिति का भी जिक्र किया है। इस पुस्तक में ऐसे अनाम देशप्रेमी के संस्मरणों को संकलित कर हर भारतीय को प्रेरित करने का मंतव्य निहित है।
बलराज तिवारी
जन्म : 1966, दिल्ली।
शिक्षा : स्नातक ।
जीवन के तीस से अधिक वर्ष पर्यटन के क्षेत्र में व्यतीत किए और अपने कार्य के सभी क्षेत्रों में अपनी क्षमता एवं कला प्रदर्शन द्वारा विविध प्रकार के आयोजन व पर्यटन संचालन में दक्षता प्राप्त की। हर समय नई चुनौतियों का सामना करने का जोश भरकर उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुसार प्रदत्त करने का उचित प्रयास किया। इस दौरान भारत के लगभग सभी राज्यों की यात्राएँ कीं और भिन्न-भिन्न लोगों व समुदायों को करीब से देखने, समझने का प्रयास किया।
अपने देश के विभिन्न राज्यों की विविध संस्कृति व प्राकृतिक सुंदरता को देखा। अपने इसी घुमंतू जीवन में कई प्रकार की रोमांचक घटनाओं व अद्भुत लोगों से संपर्क आया; उन घटनाओं व संस्मरणों को एकत्र किया। अब अपने अर्ध-सेवानिवृत्त जीवन का आनंद लेते हुए इन संस्मरणों को पुस्तक रूप में प्रस्तुत किया है।
जन्म : 1966, दिल्ली।
शिक्षा : स्नातक ।
जीवन के तीस से अधिक वर्ष पर्यटन के क्षेत्र में व्यतीत किए और अपने कार्य के सभी क्षेत्रों में अपनी क्षमता एवं कला प्रदर्शन द्वारा विविध प्रकार के आयोजन व पर्यटन संचालन में दक्षता प्राप्त की। हर समय नई चुनौतियों का सामना करने का जोश भरकर उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुसार प्रदत्त करने का उचित प्रयास किया। इस दौरान भारत के लगभग सभी राज्यों की यात्राएँ कीं और भिन्न-भिन्न लोगों व समुदायों को करीब से देखने, समझने का प्रयास किया।
अपने देश के विभिन्न राज्यों की विविध संस्कृति व प्राकृतिक सुंदरता को देखा। अपने इसी घुमंतू जीवन में कई प्रकार की रोमांचक घटनाओं व अद्भुत लोगों से संपर्क आया; उन घटनाओं व संस्मरणों को एकत्र किया। अब अपने अर्ध-सेवानिवृत्त जीवन का आनंद लेते हुए इन संस्मरणों को पुस्तक रूप में प्रस्तुत किया है।