Main Arvind Bol Raha Hoon
₹300.00
₹255.00
15% OFF
Ships in 1 - 2 Days
Secure Payment Methods at Checkout
- ISBN13: 9789350480731
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
संसार को आध्यात्मिकता, राष्ट्र को राजनीतिक चेतना तथा समाज को समन्वय की संस्कृति का ज्ञान देकर जिसने हमारे सांस्कृतिक इतिहास तथा राजनीतिक चिंतनधारा को सबसे अधिक अलंकृत किया, उस व्यक्तित्व का नाम है—महर्षि अरविंद घोष। अरविंद ने भारत की आराधना माता के समान की। भारतमाता को स्वाधीन कराने के लिए उन्होंने निरंतर संघर्ष किया। भारत की स्वतंत्रता के माध्यम से वे विश्व-मानवता की सेवा करना चाहते थे। भारतीय स्वतंत्रता के संदर्भ में उन्होंने कहा था—‘किसी भी राष्ट्र के सुस्वास्थ्य तथा जीवंतता के लिए स्वतंत्रता पहली आवश्यकता है।’
राष्ट्रवाद को उन्होंने राष्ट्र तथा नागरिकों के लिए वरदान माना। उनका मत था कि स्वराज्य के बिना राष्ट्र मूच्üिछत के समान है। अरविंद मूलत: अध्यात्म-पुरुष थे। वे प्रकांड पांडित्य और गहन अंतर्दृष्टि के व्यक्ति थे।
ऐसे क्रांतिकारी विचारक, महान् योगी, विश्व-मानवता के उन्नायक, आध्यात्मिक महापुरुष महर्षि अरविंद घोष की चिंतनधारा से परिचित कराने के संकल्प के साथ यह संकलन प्रस्तुत है।
राष्ट्रवाद को उन्होंने राष्ट्र तथा नागरिकों के लिए वरदान माना। उनका मत था कि स्वराज्य के बिना राष्ट्र मूच्üिछत के समान है। अरविंद मूलत: अध्यात्म-पुरुष थे। वे प्रकांड पांडित्य और गहन अंतर्दृष्टि के व्यक्ति थे।
ऐसे क्रांतिकारी विचारक, महान् योगी, विश्व-मानवता के उन्नायक, आध्यात्मिक महापुरुष महर्षि अरविंद घोष की चिंतनधारा से परिचित कराने के संकल्प के साथ यह संकलन प्रस्तुत है।
डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
जन्म : 14 जुलाई, 1944 को संभल (मुरादाबाद) उ.प्र. में।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (हिंदी), आगरा विश्वविद्यालय।
प्रधान संपादक ‘शोध दिशा’ (त्रैमासिक); सचिव, हिंदी साहित्य निकेतन; पूर्व मंडलाध्यक्ष, रोटरी अंतरराष्ट्रीय मंडल 3100; सदस्य, भारतीय हिंदी परिषद् इलाहाबाद; सदस्य, अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ, दिल्ली।
कृतित्व : हिंदी में मौलिक एवं संपादित शताधिक पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : उ.प्र. युवा साहित्यकार संघ द्वारा ‘सरस्वतीश्री’; तुलसी पीठ कासगंज द्वारा ‘विद्यावारिधि’; विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर द्वारा ‘विद्यासागर’; ‘बाबू झोलानाथ’ कृति पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार; श्रीमती रतन शर्मा बाल साहित्य पुरस्कार; ‘मानवाधिकार : दशा और दिशा’ पुस्तक पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली का प्रथम पुरस्कार; ‘राजनीति में गिरगिटवाद’ पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार, ‘आओ अतीत में चलें’ पर सूर-पुरस्कार एवं ‘साहित्यभूषण’; केंद्रीय हिंदी निदेशालय का ‘शिक्षा पुरस्कार’।
जन्म : 14 जुलाई, 1944 को संभल (मुरादाबाद) उ.प्र. में।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (हिंदी), आगरा विश्वविद्यालय।
प्रधान संपादक ‘शोध दिशा’ (त्रैमासिक); सचिव, हिंदी साहित्य निकेतन; पूर्व मंडलाध्यक्ष, रोटरी अंतरराष्ट्रीय मंडल 3100; सदस्य, भारतीय हिंदी परिषद् इलाहाबाद; सदस्य, अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ, दिल्ली।
कृतित्व : हिंदी में मौलिक एवं संपादित शताधिक पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : उ.प्र. युवा साहित्यकार संघ द्वारा ‘सरस्वतीश्री’; तुलसी पीठ कासगंज द्वारा ‘विद्यावारिधि’; विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर द्वारा ‘विद्यासागर’; ‘बाबू झोलानाथ’ कृति पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार; श्रीमती रतन शर्मा बाल साहित्य पुरस्कार; ‘मानवाधिकार : दशा और दिशा’ पुस्तक पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली का प्रथम पुरस्कार; ‘राजनीति में गिरगिटवाद’ पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार, ‘आओ अतीत में चलें’ पर सूर-पुरस्कार एवं ‘साहित्यभूषण’; केंद्रीय हिंदी निदेशालय का ‘शिक्षा पुरस्कार’।