Mahakumbh 2025: Festival of Social Equality Know About India's Kumbh Mela Prayagraj

Mahakumbh 2025: Festival of Social Equality Know About India's Kumbh Mela Prayagraj

by Dr. Sheelwant Singh

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  • ISBN13: 9789355621115
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
इस पुस्तक में महाकुंभ प्रयागराज-2025 के आयोजन के साथ-साथ कुंभ मेले के ऐतिहासिक, पौराणिक, ज्योतिषीय, सामाजिक महत्त्व का विस्तारपूर्वक वर्णन और कुंभ के संदर्भ में पुराण, महाकाव्य सहित विभिन्न काल अवधि में लिखित ग्रंथों और यात्रा वृत्तांत में की गई चर्चा को रेखांकित किया गया है।

इस पुस्तक में कुंभ, अर्द्धकुंभ और महाकुंभ के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान जैसे आरती, स्नान, कल्पवास, व्रत एवं उपवास, देव पूजन, दान और सत्संग, श्राद्ध और तर्पण, वेणी और दीपदान इत्यादि के महत्त्व और उसकी प्रक्रिया को क्रमबद्धता में योजनाबद्ध तरीके से समझाया गया है। त्रिवेणी संगम, पंचकोशी परिक्रमा और प्रयागराज के ऐतिहासिक मंदिर, शक्तिपीठ, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का उल्लेख किया गया है। प्रयागराज की सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत के सूचनात्मक, तथ्यात्मक विषयवस्तु को समाहित करते हुए अद्यतन स्वरूप की व्याख्या और विश्लेषण किया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रशासनिक उत्कृष्टता, प्रबंधन के लिए किए जा रहे परंपरागत एवं नवाचार आधारित पहलों की चर्चा की गई है। इस पुस्तक में यह बताया गया है कि किस प्रकार से प्रशासनिक कुशलता और कार्य निष्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र को अस्थायी तौर पर प्रदेश का 76वाँ जिला घोषित किया गया। प्रयागराज कुंभ मेला की स्नान की प्रमुख तिथियों के साथ वर्तमान समय में की गई तैयारी को भी दर्शाया गया है और महाकुंभ के सनातन और भारतीय संस्कृति में इसकी महत्ता का तुलनात्मक अध्ययन समाहित है। कल्पवास की विस्तार से चर्चा की गई है तथा कुंभ मेला आयोजन की प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक और वर्तमान परिदृश्य में महत्त्व को बताया गया है।

भारत में लगने वाले विभिन्न स्थानों के कुंभों की चर्चा और वहाँ आयोजित होने के कारण भी बताए गए हैं तथा कुंभ में सामाजिक समरसता को भी परिभाषित किया गया है। आज कुंभ प्रदेश के सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजन का सबसे बड़ा त्योहार है।
लेखक द्वारा विगत 20 वर्षों से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन समूहों में राजव्यवस्था एवं राजनीति, कला, साहित्य तथा संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व पर्यावरण सहित समसामयिक विषयों पर 200 से अधिक पुस्तकों का लेखन कार्य किया गया है। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें कई बार बेस्टसेलर की श्रेणी में चयनित व पुरस्कृत हुई हैं।

लेखक मानविकी एवं समसामयिक विषयों के गहन अध्ययन और विश्लेषण में विशेषज्ञता रखते हैं। 15 वर्षों तक 'प्रतियोगिता दृष्टि' मासिक पत्रिका के सह-संपादक रहते हुए सफल संपादन कार्य कर चुके है। वे योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों के सफल क्रियान्वयन के साथ उसके रणनीतिकार के रूप में तथा प्रदेश की राजनीतिक घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में भविष्यदृष्टय और विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं।

उन्हें आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर विभिन्न समसामायिक सामाजिक, राजनीतिक विषयों पर परिचर्चा हेतु अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, साथ ही वे योजना, कुरु क्षेत्र, विज्ञान प्रगति, आविष्कार जैसी देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख, आवरण कथा और शोध आधारित लेखन कार्य में निरंतर संलग्न हैं।

हाल ही में लेखक की उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की शासन व्यवस्था की अंतरगाथा का परिचय देने वाली पुस्तक 'गतिमान उत्तर प्रदेश : 5 वर्ष 100 दिन योगी सरकार' बहुचर्चित रही है।

संप्रति उ.प्र. भाषा विभाग के शासनाधीन स्वायत्तशासी संस्था, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा प्रशासनिक सेवा में संस्कृत की सहभागिता के साथ उसे रोजगार उन्मुख बनाने हेतु संचालित निःशुल्क सिविल सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक हैं।

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