Lincoln: Ek Mahanayak | Biography of Abraham Lincoln and The American Struggle With Inspirational Thoughts Book in Hindi
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- ISBN13: 9789348957016
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं, जो संघर्ष के ताप में तपकर खरा सोना बनते हैं। उनकी चमक सदियों तक लोगों को आलोकित करती रहती है। सशरीर पृथ्वी पर न होते हुए भी वे अपने विचारों, कर्मों और चरित्र से दुनिया में एक ऐसी मिसाल कायम करते हैं कि लोग उनके आगे नतमस्तक हो जाते हैं। अब्राहम लिंकन एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपने जीवन में असफलता के अनेक दौर देखे। असफलता ने उन्हें हताश अवश्य किया, लेकिन वे रुके नहीं; वे धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे।
उनके व्यक्तित्व और स्वभाव की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे सीधे-सरल इनसान थे। कृत्रिमता से उनका दूर-दूर तक नाता नहीं था। यही कारण था कि आम लोग उनसे जुड़ जाते थे। वे जनता के सेवक थे। उनका कहना था कि "बैलट बुलेट से ज्यादा शक्तिशाली है।" निर्धन और जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए सदा उपस्थित रहने वाले लिंकन प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके थे।
उनकी यह छाप आज भी अमिट है। इस पुस्तक में उनके जीवन की अनेक ऐसी घटनाएँ हैं, जिनसे पाठक परिचित नहीं हैं। यह प्रेरक पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ों तक को प्रभावित करेगी। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक न केवल लिंकन के हर पहलू से परिचित होंगे अपितु उनके गुणों को आत्मसात् करने का प्रयास करेंगे।
उनके व्यक्तित्व और स्वभाव की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे सीधे-सरल इनसान थे। कृत्रिमता से उनका दूर-दूर तक नाता नहीं था। यही कारण था कि आम लोग उनसे जुड़ जाते थे। वे जनता के सेवक थे। उनका कहना था कि "बैलट बुलेट से ज्यादा शक्तिशाली है।" निर्धन और जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए सदा उपस्थित रहने वाले लिंकन प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके थे।
उनकी यह छाप आज भी अमिट है। इस पुस्तक में उनके जीवन की अनेक ऐसी घटनाएँ हैं, जिनसे पाठक परिचित नहीं हैं। यह प्रेरक पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ों तक को प्रभावित करेगी। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक न केवल लिंकन के हर पहलू से परिचित होंगे अपितु उनके गुणों को आत्मसात् करने का प्रयास करेंगे।
रेनू सैनी प्रतिष्ठित लेखिका हैं। लेखन के साथ-साथ उन्होंने अनुवाद, संपादन, मंच संचालन, एंकर, कमेंटेटर के क्षेत्र में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इनकी अनेक महत्त्वपूर्ण आयोजनों-वर्कशॉप में सूत्रधार व सक्रिय भागीदारी रही है। अब तक इनकी 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 'रंगीली, टिक्की और गुल्लू' का भारत की सात भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
'अपने चाणक्य स्वयं बनें', 'खुशियों की पाठशाला', 'देश-देश की लोककथाएँ' एवं 'कामयाबी के नए 51 सूत्र' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार; दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
'अपने चाणक्य स्वयं बनें', 'खुशियों की पाठशाला', 'देश-देश की लोककथाएँ' एवं 'कामयाबी के नए 51 सूत्र' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार; दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।