Kunba Novel Book
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- ISBN13: 9789348402523
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Novel
खुदारी के पूर्वज सब जानते थे। इधर-से-उधर इस कुनबे से लेकर उस कुनबे तक बातों को पचाना इतना आसान नहीं होगा। इसलिए उन्होंने एक परंपरा बनाई। उसके अनुसार जो बेटा खुदारी के पद को सँभालेगा, उसे अपनी जीभ का एक छोटा सा हिस्सा अपनी कुलदेवी बारसी के चरणों में चढ़ाना पड़ेगा और सौगंध खानी होगी कि वह सभी कुनबों से समान रूप में व्यवहार करेगा। किसी भी कुनबे की बात दूसरे तीसरे कुनबे में नहीं कहेगा; जिस कुनबे में जाएगा, उसी कुनबे का होकर अपना काम करेगा और अगर कुछ गलत किया तो फिर उसे, उसके परिवार को और कुनबे को कुलदेवी बारसी के प्रकोप से कोई नहीं बचा पाएगा। यह बस ऐसे ही चलता आ रहा है।
- इसी पुस्तक से
'कुनबा' सिर्फ एक उपन्यास नहीं, एक तपस्या है। हर पात्र, हर संवाद, हर लोकगाथा को लेखिका ने पूरी श्रद्धा और संवेदना के साथ रचा है। यह कथा उन आवाजों की है, जो अकसर गुजरते हुए समय के साथ सभ्यताओं के शोर में दब जाती हैं। यह उन लोगों की बात है, जिनके जीवन में पेड़, पहाड़, नदी, अग्नि और देवता केवल प्रतीक नहीं, सजीव शक्ति हैं।
जनजातीय समाज की लोक-परंपराओं, मान्यताओं और जीवन-मूल्यों को रेखांकित करता पठनीय उपन्यास ।
- इसी पुस्तक से
'कुनबा' सिर्फ एक उपन्यास नहीं, एक तपस्या है। हर पात्र, हर संवाद, हर लोकगाथा को लेखिका ने पूरी श्रद्धा और संवेदना के साथ रचा है। यह कथा उन आवाजों की है, जो अकसर गुजरते हुए समय के साथ सभ्यताओं के शोर में दब जाती हैं। यह उन लोगों की बात है, जिनके जीवन में पेड़, पहाड़, नदी, अग्नि और देवता केवल प्रतीक नहीं, सजीव शक्ति हैं।
जनजातीय समाज की लोक-परंपराओं, मान्यताओं और जीवन-मूल्यों को रेखांकित करता पठनीय उपन्यास ।
तारावती सैनी 'नीरज' एक प्रतिष्ठित लेखिका हैं, जिन्हें लेखन के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मानों के साथ-साथ राजस्थान बाल साहित्य अकादमी द्वारा बाल कहानी-संग्रह 'हुकू जिन्न' के लिए सम्मानित किया गया है और राजस्थान साहित्य अकादमी के सहयोग से प्रकाशित कहानी-संग्रह 'चिड़कलियाँ' के लिए श्री श्याम वर्मा स्मृति गद्य साधना पुरस्कार प्रमुख है। उनकी अभी तक कुल पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनकी रचनाओं का कई भाषाओं-पंजाबी, ओड़िया, बांग्ला, अंग्रेजी एवं उर्दू में अनुवाद हो चुका है। दुनिया की सबसे छोटी लघु-कथा लिखकर उनका नाम 'वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड' एवं सबसे छोटी हिंदी कविता लिखकर 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हुआ है। उनके लेखन को देखते हुए 'गृहलक्ष्मी' पत्रिका ने उन्हें कवर पेज पर प्रकाशित किया है। उनकी लघु-कथाओं पर कई लघु-फिल्में बनाई गई हैं। उनकी रचनाएँ एवं साक्षात्कार अनेक चैनल्स - दूरदर्शन, 1st इंडिया, साधना न्यूज, A1 टी.वी., राजस्थान पत्रिका टी.वी. और आकाशवाणी आदि पर प्रसारित होते रहते हैं।
उनकी रचनाओं का कई भाषाओं-पंजाबी, ओड़िया, बांग्ला, अंग्रेजी एवं उर्दू में अनुवाद हो चुका है। दुनिया की सबसे छोटी लघु-कथा लिखकर उनका नाम 'वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड' एवं सबसे छोटी हिंदी कविता लिखकर 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हुआ है। उनके लेखन को देखते हुए 'गृहलक्ष्मी' पत्रिका ने उन्हें कवर पेज पर प्रकाशित किया है। उनकी लघु-कथाओं पर कई लघु-फिल्में बनाई गई हैं। उनकी रचनाएँ एवं साक्षात्कार अनेक चैनल्स - दूरदर्शन, 1st इंडिया, साधना न्यूज, A1 टी.वी., राजस्थान पत्रिका टी.वी. और आकाशवाणी आदि पर प्रसारित होते रहते हैं।