Khushhaal Jeevan Ki Anant Yatra Hindi Translation of Happiness & Wellbeing
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- ISBN13: 9788199335684
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Self-Help Groups
इतिहास के दौरान मनुष्य खुशी की निरंतर खोज में लगा रहा है। यह हमारे कार्यों, निर्णयों और आकांक्षाओं के पीछे प्रेरक शक्ति है। इस पुस्तक में हम मानव अस्तित्व के इस मूलभूत पहलू को समझने की यात्रा पर निकलते हैं।
यह पुस्तक खुशी की बहुआयामी प्रकृति की पड़ताल करती है, इसकी मूल अवधारणा और अर्थ से शुरू करते हुए हम आंतरिक खुशी के रहस्यों को उजागर करने और इसे अपने भीतर कैसे विकसित किया जाए, यह जानने के लिए सकारात्मक मनोविज्ञान के क्षेत्र में गहराई से उतरते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा काम पर व्यतीत होता है, हम कार्यस्थल पर खुशी के महत्त्वपूर्ण विषय और यह हमारे समग्र कल्याण को कैसे प्रभावित करता है, इसकी भी जाँच करते हैं।
हमारा अन्वेषण व्यावहारिक स्तर पर ही नहीं रुकता। हम खुशी के आध्यात्मिक आयामों में प्रवेश करते हैं, विभिन्न धर्मों और दार्शनिकों द्वारा युगों-युगों से वर्णित आनंद की स्थिति की जाँच करते हैं। यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण खुशी की एक गहरी समझ प्रदान करता है, जो हमारे दैनिक अनुभवों से परे है।
यह पुस्तक आपके मार्ग को रोशन करे और आपको वास्तविक संतुष्टि एवं आनंद के जीवन के करीब ले जाए। आपको खुशी और कल्याण के लिए शुभकामनाएँ।
यह पुस्तक खुशी की बहुआयामी प्रकृति की पड़ताल करती है, इसकी मूल अवधारणा और अर्थ से शुरू करते हुए हम आंतरिक खुशी के रहस्यों को उजागर करने और इसे अपने भीतर कैसे विकसित किया जाए, यह जानने के लिए सकारात्मक मनोविज्ञान के क्षेत्र में गहराई से उतरते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा काम पर व्यतीत होता है, हम कार्यस्थल पर खुशी के महत्त्वपूर्ण विषय और यह हमारे समग्र कल्याण को कैसे प्रभावित करता है, इसकी भी जाँच करते हैं।
हमारा अन्वेषण व्यावहारिक स्तर पर ही नहीं रुकता। हम खुशी के आध्यात्मिक आयामों में प्रवेश करते हैं, विभिन्न धर्मों और दार्शनिकों द्वारा युगों-युगों से वर्णित आनंद की स्थिति की जाँच करते हैं। यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण खुशी की एक गहरी समझ प्रदान करता है, जो हमारे दैनिक अनुभवों से परे है।
यह पुस्तक आपके मार्ग को रोशन करे और आपको वास्तविक संतुष्टि एवं आनंद के जीवन के करीब ले जाए। आपको खुशी और कल्याण के लिए शुभकामनाएँ।
आलोक रंजन, IAS ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बी.ए. (ऑनर्स) और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, से एम.बी.ए. किया। अपनी आंतरिक पुकार पर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और 1978 में अपने पहले ही प्रयास में भारत में शीर्ष दस में स्थान प्राप्त करते हुए आई.ए.एस. चयनित हुए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार में विभिन्न पदों पर आई.ए.एस. के रूप में कार्य किया और 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।
आलोक रंजन ने जिन प्रमुख पदों पर कार्य किया, उनमें पाँच जिलों के जिलाधिकारी और कलेक्टर, नगर आयुक्त, मुख्यमंत्री के सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार में नगर विकास, वित्त, पर्यावरण, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव और भारत सरकार में संयुक्त सचिव रक्षा शामिल हैं। मुख्य सचिव बनने से पहले वे उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि उत्पादन आयुक्त (ए.पी. सी.) और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त भी रहे। सेवानिवृत्ति के बाद आलोक रंजन एक विचारक के रूप में समाज में योगदान दे रहे हैं।
आलोक रंजन ने जिन प्रमुख पदों पर कार्य किया, उनमें पाँच जिलों के जिलाधिकारी और कलेक्टर, नगर आयुक्त, मुख्यमंत्री के सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार में नगर विकास, वित्त, पर्यावरण, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव और भारत सरकार में संयुक्त सचिव रक्षा शामिल हैं। मुख्य सचिव बनने से पहले वे उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि उत्पादन आयुक्त (ए.पी. सी.) और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त भी रहे। सेवानिवृत्ति के बाद आलोक रंजन एक विचारक के रूप में समाज में योगदान दे रहे हैं।