Kartavya Path
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- ISBN13: 9789355629111
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
पुलिस सेवा में पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं के केंद्र में रहे लेखक की दृष्टि में देशभक्ति के मायने अपनी मातृभूमि के प्रति अपार श्रद्धा और असीम गौरव रखना एवं अपने कर्तव्य का ईमानदारी के साथ निर्वहन करना है, न कि संकीर्ण विचारधारा रखना। अपने देश से प्रेम, उसके प्रति निष्ठा, भारतवासी होने का आत्मगौरव, देश के लिए त्याग व बलिदान की भावना एवं पूर्ण सत्यनिष्ठा व परिश्रम के साथ अपने कर्तव्य का पालन करना ही राष्ट्रीयता के प्रमुख गुण हैं।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने राष्ट्र के इतिहास में रुचि अवश्य लेनी चाहिए, इसके तीन लाभ निश्चित रूप से होते हैं। प्रथम, इतिहास को व्यक्ति सही अर्थों में समझता है। द्वितीय, राष्ट्रवादी दृष्टिकोण का विकास होता है एवं तृतीय, इतिहास के बोझ से मुक्ति मिल जाती है, परंतु इतिहास का इस ढंग से विश्लेषण हो कि वह वर्तमान के समान हमारे लिए सहज ग्राह्य हो जाए।
पुलिस अधिकारी रहे श्री हरि प्रसाद शर्मा की यह आत्मकथा 'कर्तव्य पथ' युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति, जीवन-मूल्यों, परंपराओं व मान्यताओं का संचार करेगी और उन्हें राष्ट्रकार्य में प्रवृत्त करेगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने राष्ट्र के इतिहास में रुचि अवश्य लेनी चाहिए, इसके तीन लाभ निश्चित रूप से होते हैं। प्रथम, इतिहास को व्यक्ति सही अर्थों में समझता है। द्वितीय, राष्ट्रवादी दृष्टिकोण का विकास होता है एवं तृतीय, इतिहास के बोझ से मुक्ति मिल जाती है, परंतु इतिहास का इस ढंग से विश्लेषण हो कि वह वर्तमान के समान हमारे लिए सहज ग्राह्य हो जाए।
पुलिस अधिकारी रहे श्री हरि प्रसाद शर्मा की यह आत्मकथा 'कर्तव्य पथ' युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति, जीवन-मूल्यों, परंपराओं व मान्यताओं का संचार करेगी और उन्हें राष्ट्रकार्य में प्रवृत्त करेगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
हरि प्रसाद शर्मा ने राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.एससी. एवं अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की।
1981-82 में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में एक वर्ष की अवधि के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। 1982 में राजस्थान पुलिस सेवा में चयन हुआ। राजस्थान पुलिस के अधिकारी के रूप में कार्य करने और महत्त्वपूर्ण मामलों में अधीक्षण करने का अवसर प्राप्त हुआ।
2007 में भारतीय पुलिस सेवा (आई. पी.एस.) में पदोन्नति हुई। राजस्थान राज्य के झुंझुनूं, अजमेर, जोधपुर शहर, नागौर, उदयपुर, बीकानेर व श्रीगंगानगर जिलों में जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया।
2015 में पुलिस उप महानिरीक्षक एवं 2017 में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत होकर राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
सेवानिवृत्ति के पश्चात् लगभग तीन वर्ष की अवधि के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
1981-82 में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में एक वर्ष की अवधि के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। 1982 में राजस्थान पुलिस सेवा में चयन हुआ। राजस्थान पुलिस के अधिकारी के रूप में कार्य करने और महत्त्वपूर्ण मामलों में अधीक्षण करने का अवसर प्राप्त हुआ।
2007 में भारतीय पुलिस सेवा (आई. पी.एस.) में पदोन्नति हुई। राजस्थान राज्य के झुंझुनूं, अजमेर, जोधपुर शहर, नागौर, उदयपुर, बीकानेर व श्रीगंगानगर जिलों में जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया।
2015 में पुलिस उप महानिरीक्षक एवं 2017 में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत होकर राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
सेवानिवृत्ति के पश्चात् लगभग तीन वर्ष की अवधि के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।