Kachre Se Kanchan (Waste To Wealth)

Kachre Se Kanchan (Waste To Wealth)

by Dr. D.D. Ozha::Dr. J.R. Chunawala

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  • ISBN13: 9789355627346
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Sociology
मानव के क्रियाकलापों एवं बढ़ती हुई जनसंख्या के फलस्वरूप आज हमारे देश के शहरों में ही नहीं वरन् वैश्विक स्तर पर बड़ी मात्रा में कूड़ा उत्पन्न हो रहा है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए तथा समय की माँग के अनुरूप एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की सोच 'वेस्ट से वैल्थ' को साकार करने हेतु 'कचरे से कंचन' पुस्तक का सरल हिंदी भाषा में यथोचित रंगीन चित्रों सहित प्रणयन करने का सुप्रयास किया गया है, जिससे सुधी पाठकगण इस जनोपयोगी विषय के बारे में प्रासंगिक तकनीकी जानकारी प्राप्त कर लाभान्वित हो सकें।

प्रस्तुत बहुपयोगी पुस्तक में घरेलू, औद्योगिक, शहरी पर्यावरण में कचरे की समस्या, ठोस अपशिष्ट, अस्पताल अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक कचरा, कृषि अपशिष्ट, रासायनिक अपशिष्ट, कचरे से कंचन, अर्थात् व्यर्थ उत्पादों से कीमती उत्पाद, नारियल अपशिष्टों, मानव बालों, विभिन्न कबाड़ों से धन-लाभ, कागज व पल्प, प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक कचरे का सदुपयोग, केले के छिलकों से उत्पाद, पराली का उपयोग एवं अन्य व्यर्थ पदार्थों से धनार्जन के बारे में विस्तार से बताया गया है।

इस जनोपयोगी कार्य में कार्यरत सी.एस.आई.आर. के विभिन्न संस्थानों में इस दिशा में हो रहे शोधकार्य एवं विकसित प्रौद्योगिकियों, कचरा कम करने के सुझाव तथा भारतीय संस्कृति में निहित इस विषयक ज्ञान के बारे में सरल हिंदी भाषा में तकनीकी जानकारी प्रदान करने का सुप्रयास किया गया है। इससे प्रबुद्ध पाठकगण निश्चित ही लाभान्वित होंगे।
मानव के क्रियाकलापों एवं बढ़ती हुई जनसंख्या के फलस्वरूप आज हमारे देश के शहरों में ही नहीं वरन् वैश्विक स्तर पर बड़ी मात्रा में कूड़ा उत्पन्न हो रहा है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए तथा समय की माँग के अनुरूप एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की सोच 'वेस्ट से वैल्थ' को साकार करने हेतु 'कचरे से कंचन' पुस्तक का सरल हिंदी भाषा में यथोचित रंगीन चित्रों सहित प्रणयन करने का सुप्रयास किया गया है, जिससे सुधी पाठकगण इस जनोपयोगी विषय के बारे में प्रासंगिक तकनीकी जानकारी प्राप्त कर लाभान्वित हो सकें।

प्रस्तुत बहुपयोगी पुस्तक में घरेलू, औद्योगिक, शहरी पर्यावरण में कचरे की समस्या, ठोस अपशिष्ट, अस्पताल अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक कचरा, कृषि अपशिष्ट, रासायनिक अपशिष्ट, कचरे से कंचन, अर्थात् व्यर्थ उत्पादों से कीमती उत्पाद, नारियल अपशिष्टों, मानव बालों, विभिन्न कबाड़ों से धन-लाभ, कागज व पल्प, प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक कचरे का सदुपयोग, केले के छिलकों से उत्पाद, पराली का उपयोग एवं अन्य व्यर्थ पदार्थों से धनार्जन के बारे में विस्तार से बताया गया है।

इस जनोपयोगी कार्य में कार्यरत सी.एस.आई.आर. के विभिन्न संस्थानों में इस दिशा में हो रहे शोधकार्य एवं विकसित प्रौद्योगिकियों, कचरा कम करने के सुझाव तथा भारतीय संस्कृति में निहित इस विषयक ज्ञान के बारे में सरल हिंदी भाषा में तकनीकी जानकारी प्रदान करने का सुप्रयास किया गया है। इससे प्रबुद्ध पाठकगण निश्चित ही लाभान्वित होंगे।

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