Jharkhandnama
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- ISBN13: 9789355622563
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
झारखंड एक अजूबा राज्य है। बहुत प्यारा-सा असीम संभावनाओं वाला। प्रकृति ने दिल खोलकर इस पर सारा कुछ लुटा दिया है। पर्यटन, खनिज, वन और हॉर्टिकल्चर संपदा आधारित उद्योग, कृषि, खेल, शिक्षा आदि जिस किसी क्षेत्र पर शासन-प्रशासन और सिविल सोसाइटी कार्य करना चाहे, बहुत ऊँचाई तक ले जा सकता है, लेकिन...। इस लेकिन की भरपाई बाद में भी की जा सकती थी, लेकिन अपने लोग भी राज्य की संपदा में लूटपाट मचाने लगे, इसलिए पूरा-का-पूरा सूबा बदनामियों का सबब बन गया है। सामान्य लेखों से इस गाथा को बयान करना संभव नहीं है, फिर भी कोशिश है कि इसकी हकीकत समझी जाए और आने वाली नस्लें उनसे सबक ले सकें। इसके स्याह पक्ष में छिपा यह उजाला है। उम्मीद ही दुनिया का दूसरा नाम है। उम्मीद है कि पाठक इस छोटे से प्रयास को समझेंगे; गुण-ग्राहक की नाईं।
श्याम किशोर चौबे
जन्म : 30 अक्तूबर, 1957। मूलतः झारखंड के पलामू जिलांतर्गत केतात कलाँ निवासी । वर्तमान ठिकाना राँची।
शिक्षा : राँची विश्वविद्यालय, राँची से एम.ए. (हिंदी)।
कृतित्व : लेखन और पठन में अभिरुचि पत्रकारिता की ओर खींच लाई। दैनिक राँची एक्सप्रेस, दैनिक आवाज, दैनिक देशप्राण तथा दैनिक झारखंड जागरण से होते हुए दैनिक जागरण में झारखंड स्टेट ब्यूरो चीफ के पद से सेवानिवृत्त ।
प्रकाशन : 'झारखंड : एक बेचैन राज्य का सुख'।
इ-मेल : choubey.jagran@gmail.com
जन्म : 30 अक्तूबर, 1957। मूलतः झारखंड के पलामू जिलांतर्गत केतात कलाँ निवासी । वर्तमान ठिकाना राँची।
शिक्षा : राँची विश्वविद्यालय, राँची से एम.ए. (हिंदी)।
कृतित्व : लेखन और पठन में अभिरुचि पत्रकारिता की ओर खींच लाई। दैनिक राँची एक्सप्रेस, दैनिक आवाज, दैनिक देशप्राण तथा दैनिक झारखंड जागरण से होते हुए दैनिक जागरण में झारखंड स्टेट ब्यूरो चीफ के पद से सेवानिवृत्त ।
प्रकाशन : 'झारखंड : एक बेचैन राज्य का सुख'।
इ-मेल : choubey.jagran@gmail.com