Jharkhand Ki Rajneeti: Prayog Aur Sanyog
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- ISBN13: 9789355217196
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Political Science
झारखंड एक नया और छोटा राज्य है, इससे इसका महत्त्व कम नहीं हो जाता। नया और छोटा होने के बावजूद इस पर सबकी नजरें लगी रहती हैं, चूँकि यह खनिज और वन-संपदा बहुल राज्य है। धनाभाव तथा शिक्षा की कमी के बावजूद यहाँ के मतदाताओं ने चुनावों में कभी मुरव्वत नहीं की। इसलिए यह एक महत्त्वपूर्ण राज्य बन गया है। शुरुआती दो चुनावों में मतदाताओं ने खंडित जनादेश दिया, जिसके कारण यहाँ का नेतृत्व वर्ग हमेशा खंडित जनादेश के नाम पर खेलता रहा।
इसके उलट 2014, 2019 और नवंबर 2024 में ऐसे मौके आए, जब मतदाताओं ने बहुमत, पूर्ण बहुमत और अपार बहुमत की सरकार चुनकर स्वयं पर लगाई गई तोहमतों से निजात पा ली। 2024 के चुनाव में इंडिया ब्लॉक को दो-तिहाई से भी अधिक बहुमत मिला।
विकास का मतलब चंद सड़कें या स्कूल, अस्पताल आदि-आदि के भवन खड़े करा देना ही नहीं होता। विकास का सीधा मतलब आम आदमी की निश्चिंतता होती है, वह चाहे शिक्षा का संदर्भ हो, स्वास्थ्य का संदर्भ हो, खेती-किसानी का संदर्भ हो, रोजगार स्वरोजगार का संदर्भ हो, कानून-व्यवस्था का संदर्भ हो, आवश्यक छोटे-बड़े सरकारी काम-काज का संदर्भ हो या संस्कृति का संदर्भ हो।
नई सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके पास अनुभव नहीं है। वह लगातार दूसरी बार और कुछ काल के लिए ही सही, 10-11 साल पहले भी एक बार सत्ता में रही थी। उस पर अवाम ने दिल खोलकर जितना भरोसा किया, उस भरोसे पर खरा उतरने की बारी अब उसकी है।
इसके उलट 2014, 2019 और नवंबर 2024 में ऐसे मौके आए, जब मतदाताओं ने बहुमत, पूर्ण बहुमत और अपार बहुमत की सरकार चुनकर स्वयं पर लगाई गई तोहमतों से निजात पा ली। 2024 के चुनाव में इंडिया ब्लॉक को दो-तिहाई से भी अधिक बहुमत मिला।
विकास का मतलब चंद सड़कें या स्कूल, अस्पताल आदि-आदि के भवन खड़े करा देना ही नहीं होता। विकास का सीधा मतलब आम आदमी की निश्चिंतता होती है, वह चाहे शिक्षा का संदर्भ हो, स्वास्थ्य का संदर्भ हो, खेती-किसानी का संदर्भ हो, रोजगार स्वरोजगार का संदर्भ हो, कानून-व्यवस्था का संदर्भ हो, आवश्यक छोटे-बड़े सरकारी काम-काज का संदर्भ हो या संस्कृति का संदर्भ हो।
नई सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके पास अनुभव नहीं है। वह लगातार दूसरी बार और कुछ काल के लिए ही सही, 10-11 साल पहले भी एक बार सत्ता में रही थी। उस पर अवाम ने दिल खोलकर जितना भरोसा किया, उस भरोसे पर खरा उतरने की बारी अब उसकी है।
झारखंड एक नया और छोटा राज्य है, इससे इसका महत्त्व कम नहीं हो जाता। नया और छोटा होने के बावजूद इस पर सबकी नजरें लगी रहती हैं, चूँकि यह खनिज और वन-संपदा बहुल राज्य है। धनाभाव तथा शिक्षा की कमी के बावजूद यहाँ के मतदाताओं ने चुनावों में कभी मुरव्वत नहीं की। इसलिए यह एक महत्त्वपूर्ण राज्य बन गया है। शुरुआती दो चुनावों में मतदाताओं ने खंडित जनादेश दिया, जिसके कारण यहाँ का नेतृत्व वर्ग हमेशा खंडित जनादेश के नाम पर खेलता रहा।
इसके उलट 2014, 2019 और नवंबर 2024 में ऐसे मौके आए, जब मतदाताओं ने बहुमत, पूर्ण बहुमत और अपार बहुमत की सरकार चुनकर स्वयं पर लगाई गई तोहमतों से निजात पा ली। 2024 के चुनाव में इंडिया ब्लॉक को दो-तिहाई से भी अधिक बहुमत मिला।
विकास का मतलब चंद सड़कें या स्कूल, अस्पताल आदि-आदि के भवन खड़े करा देना ही नहीं होता। विकास का सीधा मतलब आम आदमी की निश्चिंतता होती है, वह चाहे शिक्षा का संदर्भ हो, स्वास्थ्य का संदर्भ हो, खेती-किसानी का संदर्भ हो, रोजगार स्वरोजगार का संदर्भ हो, कानून-व्यवस्था का संदर्भ हो, आवश्यक छोटे-बड़े सरकारी काम-काज का संदर्भ हो या संस्कृति का संदर्भ हो।
नई सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके पास अनुभव नहीं है। वह लगातार दूसरी बार और कुछ काल के लिए ही सही, 10-11 साल पहले भी एक बार सत्ता में रही थी। उस पर अवाम ने दिल खोलकर जितना भरोसा किया, उस भरोसे पर खरा उतरने की बारी अब उसकी है।
इसके उलट 2014, 2019 और नवंबर 2024 में ऐसे मौके आए, जब मतदाताओं ने बहुमत, पूर्ण बहुमत और अपार बहुमत की सरकार चुनकर स्वयं पर लगाई गई तोहमतों से निजात पा ली। 2024 के चुनाव में इंडिया ब्लॉक को दो-तिहाई से भी अधिक बहुमत मिला।
विकास का मतलब चंद सड़कें या स्कूल, अस्पताल आदि-आदि के भवन खड़े करा देना ही नहीं होता। विकास का सीधा मतलब आम आदमी की निश्चिंतता होती है, वह चाहे शिक्षा का संदर्भ हो, स्वास्थ्य का संदर्भ हो, खेती-किसानी का संदर्भ हो, रोजगार स्वरोजगार का संदर्भ हो, कानून-व्यवस्था का संदर्भ हो, आवश्यक छोटे-बड़े सरकारी काम-काज का संदर्भ हो या संस्कृति का संदर्भ हो।
नई सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके पास अनुभव नहीं है। वह लगातार दूसरी बार और कुछ काल के लिए ही सही, 10-11 साल पहले भी एक बार सत्ता में रही थी। उस पर अवाम ने दिल खोलकर जितना भरोसा किया, उस भरोसे पर खरा उतरने की बारी अब उसकी है।