Jharkhand Andolan Aur Patra-Patrikayen
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- ISBN13: 9789355627087
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
झारखंड राज्य के लिए चलाया गया झारखंड आंदोलन बहुत लंबा चला। आरंभ के दिनों में इसे एक-दो पत्र-पत्रिकाओं को छोड़कर किसी का साथ नहीं मिला। मजबूर होकर आंदोलनकारियों को अपनी पत्रिकाएँ निकालनी पड़ी थीं। इन पत्रिकाओं की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन ऐसी पत्रिकाओं की भूमिका के बारे में न तो लोगों को जानकारी है और न ही ऐसी पत्रिकाएँ आसानी से उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, झारखंड आंदोलन के दौरान घटित घटनाओं की प्रामाणिक जानकारी, घटनाओं से जुड़े दस्तावेज, तसवीरें भी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। शोध पर आधारित इस पुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि अधिक-से-अधिक प्रामाणिक दस्तावेजों एवं तसवीरों या झारखंड आंदोलन से जुड़ी पत्रिकाओं एवं महत्त्वपूर्ण घटनाओं की कतरनों को पाठकों के समक्ष रखा जाए।
अनेक दुर्लभ दस्तावेज-तसवीरें इस पुस्तक में हैं। झारखंड आंदोलन में इतनी ज्यादा घटनाएँ घटी हैं कि सभी को एक पुस्तक में समेटना असंभव है, फिर भी यह प्रयास किया गया है कि अधिक-से-अधिक महत्त्वपूर्ण घटनाओं को इस पुस्तक में जगह मिल सके। इस पुस्तक से बहुत हद तक यह स्पष्ट हो जाता है कि झारखंड राज्य बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन को किन-किन पत्र-पत्रिकाओं का योगदान मिला, चाहे वे स्थानीय पत्र-पत्रिकाएँ हों या प्रांतीय-राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाएँ, पुस्तक की प्रामाणिकता इसकी विशेषता-ताकत है।
अनेक दुर्लभ दस्तावेज-तसवीरें इस पुस्तक में हैं। झारखंड आंदोलन में इतनी ज्यादा घटनाएँ घटी हैं कि सभी को एक पुस्तक में समेटना असंभव है, फिर भी यह प्रयास किया गया है कि अधिक-से-अधिक महत्त्वपूर्ण घटनाओं को इस पुस्तक में जगह मिल सके। इस पुस्तक से बहुत हद तक यह स्पष्ट हो जाता है कि झारखंड राज्य बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन को किन-किन पत्र-पत्रिकाओं का योगदान मिला, चाहे वे स्थानीय पत्र-पत्रिकाएँ हों या प्रांतीय-राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाएँ, पुस्तक की प्रामाणिकता इसकी विशेषता-ताकत है।
अनुज कुमार सिन्हा
जेवियर सेवा समाज संस्थान से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा; पत्रकारिता में 40 साल से ज्यादा का अनुभव। झारखंड आंदोलन का दस्तावेज शोषण, संघर्ष और शहादत, बरगद बाबा का दर्द, प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी, झारखंड राजनीति और हालात, महात्मा गांधी की झारखंड यात्रा, ब्यूरोक्रेट्स ऑफ झारखंड, झारखंड के आदिवासी : पहचान का संकट, दिशोमगुरु : शिबू सोरेन, अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड, जमीनी और क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत, झारखंड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका आदि पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार : स्व. राममनोहर लोहिया
स्मृति पुरस्कार, शंकर नियोगी पुरस्कार, हौसाआइ बंडू आठवले पुरस्कार, झारखंड रत्न, सारस्वत हीरक सम्मान।
डॉ. अंजु कुमारी
दो विषयों में मास्टर डिग्री, झारखंड आंदोलन में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका पर शोधकार्य। राँची विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि। देश की कई महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में शोध-पत्र और लेख प्रकाशित।
जेवियर सेवा समाज संस्थान से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा; पत्रकारिता में 40 साल से ज्यादा का अनुभव। झारखंड आंदोलन का दस्तावेज शोषण, संघर्ष और शहादत, बरगद बाबा का दर्द, प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी, झारखंड राजनीति और हालात, महात्मा गांधी की झारखंड यात्रा, ब्यूरोक्रेट्स ऑफ झारखंड, झारखंड के आदिवासी : पहचान का संकट, दिशोमगुरु : शिबू सोरेन, अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड, जमीनी और क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत, झारखंड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका आदि पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार : स्व. राममनोहर लोहिया
स्मृति पुरस्कार, शंकर नियोगी पुरस्कार, हौसाआइ बंडू आठवले पुरस्कार, झारखंड रत्न, सारस्वत हीरक सम्मान।
डॉ. अंजु कुमारी
दो विषयों में मास्टर डिग्री, झारखंड आंदोलन में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका पर शोधकार्य। राँची विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि। देश की कई महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में शोध-पत्र और लेख प्रकाशित।